रॉबर्ट कियोसाकी की चेतावनी! 2026 से शुरू होगा बड़ा ले-ऑफ, नौकरी का भरोसा होगा और कमजोर; यू रहें तैयार
कियोसाकी का कहना है कि जो ले-ऑफ अभी दुनिया में दिख रहा है, वह आने वाले बड़े इकोनॉमिक क्राइसिस की सिर्फ शुरुआती झलक है. उनका कहना है कि 2026 से बड़े ले-ऑफ शुरू होंगे, जब ग्लोबल इकोनॉमी गहरी मंदी में प्रवेश करेगी. कियोसाकी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सचेत किया कि लोग अभी से तैयारी शुरू कर दें, क्योंकि नौकरी का भरोसा फ्यूचर में और कमजोर होने वाला है.
देश में पिछले कुछ सालों से ले-ऑफ यानी छंटनी एक आम खबर बन चुकी है. आईटी सेक्टर से लेकर ई-कॉमर्स और स्टार्टअप तक, बड़ी-बड़ी कंपनियां हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं. ऐसे माहौल में Rich Dad Poor Dad के लेखक और पॉपुलर बिजनेसमैन रॉबर्ट कियोसाकी की नई सलाह भारत के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक लगती है. कियोसाकी का कहना है कि जो ले-ऑफ अभी दुनिया में दिख रहा है, वह आने वाले बड़े इकोनॉमिक क्राइसिस की सिर्फ शुरुआती झलक है. उनका कहना है कि 2026 से बड़े ले-ऑफ शुरू होंगे, जब ग्लोबल इकोनॉमी गहरी मंदी में प्रवेश करेगी.
कियोसाकी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सचेत किया कि लोग अभी से तैयारी शुरू कर दें, क्योंकि नौकरी का भरोसा फ्यूचर में और कमजोर होने वाला है.
दिया US जॉब रिपोर्ट का हवाला
रॉबर्ट कियोसाकी ने ADP National Employment Report का हवाला देते हुए बताया कि नवंबर में अमेरिका में 32,000 जॉब्स गईं और इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि छोटे बिजनेस ने 1,20,000 कर्मचारियों को निकाला. ऐसे में भारत में भी यह ट्रेंड काफी मिलता-जुलता है. जहां स्टार्टअप और टेक कंपनियां फंडिंग व प्रॉफिट के दबाव में लगातार छंटनी कर रही हैं. आइए जानते हैं कियोसाकी का इसे लेकर क्या सुझाव है, जिससे इस समस्या से निपटा जा सकता है.
दिया लेसन 4 का फॉर्मूला
रॉबर्ट कियोसाकी ने लेसन 4 का जिक्र करते हुए अपने पोस्ट में सुझाव दिया कि आर्थिक मंदी के दौरान कैसे अधिक कमाया जा सकता है. जो इस प्रकार हैं.
पर्सनल कार का ऐसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले, कियोसाकी कहते हैं कि जिनके पास अपना पर्सनल कार है, उन्हें अभी से राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म जैसे Uber या Lyft से जुड़ने पर विचार करना चाहिए और उसकी सिस्टम व प्रोसेस को समझ लेना चाहिए. उनका मानना है कि यह एक ऐसा सीधा ऑप्शन है जिसमें कोई व्यक्ति तुरंत कमाई शुरू कर सकता है और कठिन समय में अपनी इनकम को स्थिर रखने का रास्ता बना सकता है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वे खुद अक्सर Uber या Lyft का यूज करते हैं, खासकर जब वे पार्टी से लौट रहे होते हैं.
Sell की कला सीखें
इसके बाद वे उस कौशल पर जोर देते हैं जो संकट के दौरान सबसे काम आता है वो है सेल ( sell) करना. उनके अनुसार, अधिकांश कर्मचारी बेचने की कला नहीं जानते, जबकि मंदी के दौर में वही कौशल सबसे अधिक मूल्यवान बन जाता है. वे सलाह देते हैं कि लोग अभी से ऐसे प्रोडक्ट या बिजनेस मॉडलों पर रिसर्च करें जो मंदी में भी टिके रह सकें. जब 2026 में संभावित मंदी दस्तक दे, तब उन्हें इन बिजनेस के पास जाकर यह दिखाना चाहिए कि वे किस तरह कंपनी की बिक्री बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. यह तरीका न केवल नौकरी बचा सकता है, बल्कि व्यक्ति को किसी भी संगठन के लिए अनिवार्य बना सकता है.
कैपिटल जुटाने और डील स्ट्रक्चर करने की क्षमता
कियोसाकी तीसरे महत्वपूर्ण पहलू कैपिटल जुटाने और डील स्ट्रक्चर करने की क्षमता का उल्लेख करते हैं. वे कहते हैं कि यह एक ऐसा कौशल है जो नौकरियों पर निर्भर रहने वाले अधिकांश लोगों के पास नहीं होता. उनका दावा है कि 2026 में हाउसिंग और कॉमर्शियल दोनों रियल एस्टेट बाजारों में बड़ी गिरावट आएगी और उस समय बाजार में ऐसे अवसर उभरेंगे जिन्हें वे डील्स ऑफ ए लाइफटाइम कहते हैं. इस दौरान सही प्रॉपर्टी चुनना, एक सक्षम टीम बनाना, निवेशक ढूंढना और फिर उस एसेट को विकसित कर बेच देना—ये सब मिलकर ऐसे लोगों को बहुत अमीर बना सकता है. कियोसाकी कहते हैं कि वे आज भी दूसरों के समय, कौशल और पैसे का उपयोग कर यही काम करते हैं और इसे वे कैपिटलिज्म कहते हैं.
बिजनेस एजुकेशन में लगाएं दिमाग
चौथा सुझाव शिक्षा और कौशल से जुड़ा है. वे कहते हैं कि किसी महंगे कॉलेज में जाकर नया कर्ज लेना समझदारी नहीं है, खासकर तब जब मंदी करीब हो. इसके बजाय लोगों को ट्रेड स्कूल या बिजनेस एजुकेशन की ओर रुख करना चाहिए—जहां नर्सिंग, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन का काम, बुजुर्गों की देखभाल जैसे कौशल सिखाए जाते हैं. कियोसाकी के अनुसार, ये वो सेवाएं हैं जिनकी जरूरत दुनिया में कभी खत्म नहीं होती, इसलिए ये मंदी या उछाल हर परिस्थिति में कमाई का सुरक्षित ऑप्शन हैं.
ऐसा एसेट करें इकठ्ठा जो दे मुसीबत में साथ
आखिरी में वे उस बेहद पुराने इकोनॉमिक कॉन्सेप्ट की ओर वापस लौटते हैं, ऐसे एसेट जमा करना जो समय के साथ बढ़ते हैं और मुद्रा के कमजोर होने पर भी अपनी कीमत बनाए रखते हैं. कियोसाकी अमेरिकी डॉलर को फेक डॉलर कहते हुए जोर देते हैं कि लोगों को असली संपत्ति बचानी चाहिए—जैसे सोना, चांदी, बिटकॉइन और एथेरियम. उनका मानना है कि 4 दिसंबर 2025 को चांदी की कीमत 57 डॉलर पर थी और यह जनवरी 2026 तक 96 डॉलर तक पहुंच सकती है, चाहे मंदी शुरू ही क्यों न हो जाए. वे कहते हैं कि रोज थोड़ा-थोड़ा कमाया गया मुनाफा कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता—बल्कि धीरे-धीरे यही फाइनेशियल सुरक्षा बनाता है.
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