India–Russia Summit: 16 समझौते और 5 बड़े ऐलान, जानें पुतिन के भारत दौरे से क्या नतीजा निकला?
India–Russia Summit 2025 में 16 अहम समझौते और 5 बड़े ऐलान हुए. माइग्रेशन, हेल्थ, फूड सेफ्टी, पोलर शिपिंग, फर्टिलाइजर JV, कस्टम्स डेटा शेयरिंग, अकादमिक व मीडिया सहयोग जैसे क्षेत्रों में नई साझेदारी बनी. रूस ने International Big Cat Alliance से जुड़ने का निर्णय लिया और भारतीय वीजा नीति में भी बड़े बदलाव घोषित हुए.
भारत–रूस शिखर सम्मेलन 2025 ने दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर पर पहुंचा दिया है, जहां महज राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि 16 बड़े समझौतों और 5 अहम ऐलानों के जरिये जमीनी सहयोग का सबसे व्यापक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया. माइग्रेशन से लेकर हेल्थ, समुद्री प्रशिक्षण, खाद सुरक्षा, अकादमिक सहयोग और मीडिया कनेक्टिविटी तक हर सेक्टर में ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जो आने वाले कई दशकों तक भारत और रूस की साझेदारी की दिशा तय करेंगे.
माइग्रेशन व मोबिलिटी पर बड़ा ढांचा तैयार
भारत और रूस के बीच अस्थायी श्रम गतिविधि पर हुआ समझौता कुशल भारतीय वर्कफोर्स के रूस में सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से काम करने का रास्ता खोलता है. यह फ्रेमवर्क न केवल दोनों अर्थव्यवस्थाओं की वर्कफोर्स जरूरतों को जोड़ता है, बल्कि रेमिटेंस और रोजगार के नए अवसर भी तैयार करता है. इसके साथ अनियमित माइग्रेशन के खिलाफ सहयोग समझौता सीमापार मानव तस्करी, फर्जी दस्तावेज़ और अवैध मूवमेंट पर संयुक्त कार्रवाई का आधार बनेगा.
हेल्थकेयर और फूड सेफ्टी में नई साझेदारी
स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच हुआ समझौता मेडिकल एजुकेशन, वैज्ञानिक अनुसंधान और हेल्थ सर्विसेस में डीप कोऑपरेशन को रेखांकित करता है. इसमें विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, संयुक्त रिसर्च और हाई-एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी पर मिलकर काम शामिल है. फूड सेफ्टी पर हुआ अलग समझौता सैनिटरी और हाइजीन स्टैंडर्ड्स की कंप्लायंस को मजबूत करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच कृषि और फूड प्रोडक्ट्स का व्यापार अधिक सुरक्षित और मानकीकृत बनेगा.
पोलर वाटर्स और मैरिटाइम सेक्टर में विस्तार
पोलर वाटर्स में ऑपरेटिंग जहाजों के लिए भारतीय नाविकों को रूसी एजेंसियों से विशेष प्रशिक्षण दिलाने के MoU का उद्देश्य आर्कटिक रूट का पेशेवर उपयोग बढ़ाना और नई शिपिंग क्षमताओं का विकास करना है. एक दूसरा MoU शिपिंग, पोर्ट डेवलपमेंट, जॉइंट मिनरल एक्सप्लोरेशन और R&D जैसे क्षेत्रों में विस्तृत सहयोग का मार्ग खोलता है, जिससे दोनों देशों की समुद्री रणनीति को दीर्घकालिक मजबूती मिलेगी.
फर्टिलाइजर सप्लाई चेन में स्ट्रैटेजिक जॉइंट वेंचर
उरलकेम और भारतीय कंपनियों RCF, NFL और IPL के बीच हुआ समझौता रूस में यूरिया उत्पादन के लिए संयुक्त उद्यम की दिशा में बड़ा कदम है. यह भारत की फर्टिलाइजर सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें रूस एक भरोसेमंद सोर्स के रूप में उभर रहा है. JV मॉडल से लागत दक्षता बढ़ेगी और लंबे समय की आपूर्ति स्थिर रहेगी.
कस्टम्स व कॉमर्स में डेटा-ड्रिवन मॉडर्नाइजेशन
दोनों देशों के कस्टम विभागों के बीच प्री-अराइवल डेटा शेयरिंग का प्रोटोकॉल सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को तेज, पारदर्शी और जोखिम-आधारित बनाएगा. इससे लॉजिस्टिक समय घटेगा और बिलेटरल ट्रेड में अनुपालन बेहतर होगा. इसी क्रम में भारत पोस्ट और रूसी पोस्ट के बीच समझौता ई-कॉमर्स, विशेषकर MSME सेक्टर के लिए, तेज डिलीवरी और क्रॉस-बॉर्डर सर्विसेज को नई गति देगा.
शिक्षा और वैज्ञानिक सहयोग में नए अध्याय
DIAT पुणे और National Tomsk State University के सहयोग से छात्रों व शोधकर्ताओं के एक्सचेंज प्रोग्राम, संयुक्त रिसर्च और नई शैक्षणिक परियोजनाओं के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही मुंबई विश्वविद्यालय, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी और RDIF के बीच समझौता इंडस्ट्री-अकादमिक साझेदारी को उन्नत करेगा और क्वालिफाइड प्रोफेशनल्स के विकास में योगदान देगा.
मीडिया सहयोग में बड़ा विस्तार
प्रसार भारती और रूस के प्रमुख मीडिया हाउस Gazprom Media, National Media Group, Big Asia, TV-Novosti और TV BRICS के बीच हुए समझौतों से ब्रॉडकास्टिंग, कंटेंट शेयरिंग और न्यूज़ एक्सचेंज को नई दिशा मिलेगी. यह सांस्कृतिक कूटनीति और सूचना सहयोग को व्यापक बनाता है, जिससे दोनों देशों के मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे की उपस्थिति बढ़ेगी.
5. बड़े ऐलान
1. 2030 तक आर्थिक सहयोग का नया रोडमैप
भारत और रूस ने 2030 तक आर्थिक साझेदारी के लिए स्ट्रैटेजिक एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम की घोषणा की. यह ऊर्जा, व्यापार, वित्त, तकनीक और लॉजिस्टिक्स में दीर्घकालिक लक्ष्यों को स्पष्ट करता है, जिससे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध और संस्थागत रूप से मजबूत होंगे.
2.रूस का International Big Cat Alliance से जुड़ने का निर्णय
रूस द्वारा IBCA फ्रेमवर्क अपनाने का फैसला भारत की वैश्विक संरक्षण पहल को मजबूत करता है. यह टाइगर, लियोपार्ड और अन्य बड़ी बिल्लियों की सुरक्षा पर वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ाएगा.
3.‘India. Fabric of Time’ प्रदर्शनी समझौता
दिल्ली के नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम और मॉस्को के Tsaritsyno Museum के बीच प्रदर्शनी सहयोग भारत की टेक्सटाइल विरासत को रूस में प्रदर्शित करेगा. यह सांस्कृतिक एक्सचेंज को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.
4.रूसी नागरिकों को 30 दिनों का फ्री ई-टूरिस्ट वीजा
भारत ने 30 दिनों के e-Tourist Visa को gratis आधार पर मंजूरी दी है. यह कदम पर्यटन, लोगों-के-बीच संपर्क और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
5.रूसी ग्रुप टूरिस्ट वीजा भी मुफ्त
ग्रुप टूरिस्ट वीजा को भी मुफ्त किए जाने से रूस से बड़े समूहों में पर्यटन आगमन बढ़ने की उम्मीद है, जो भारत के हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है.