चीन से सस्ते सोलर सेल इंपोर्ट पर रोक की तैयारी, तीन साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी का प्रस्ताव, डोमेस्टिक मार्केट को मिलेगा राहत
भारत सरकार ने घरेलू सोलर उद्योग को सस्ते चीनी इम्पोर्ट से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. DGTR ने चीन से आने वाले सोलर सेल पर तीन साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है. कुछ कंपनियों पर 23 फीसदी और कुछ पर 30 फीसदी ड्यूटी लगाई जाएगी. वित्त मंत्रालय इस पर अंतिम फैसला लेगा.
Anti Dumping Duty: भारत में सोलर सेक्टर को सस्ते चीनी इम्पोर्ट से बचाने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. कॉमर्स डिपार्टमेंट की जांच एजेंसी DGTR ने चीन से इम्पोर्ट होने वाले सोलर सेल पर तीन साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है. इसका मकसद डोमेस्टिक प्रोड्यूसर को सेफ्टी देना और बाजार में फेयर कंपटीशन सुनिश्चित करना है. अब इस सिफारिश पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को लेना है.
तीन साल की ड्यूटी की सिफारिश
DGTR की जांच में पाया गया कि चीन से आने वाले सोलर सेल भारत में सामान्य कीमत से कम दाम पर बेचे जा रहे हैं, जिससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है. इस नुकसान की भरपाई और घरेलू कंपनियों की सुरक्षा के लिए तीन साल तक एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई है. यह ड्यूटी CIF यानी इंश्योरेंस कॉस्ट और फ्रेट रेट के रूप में लगाई जाएगी.
कुछ कंपनियों पर 30 फीसदी ड्यूटी
DGTR ने सिफारिश की है कि कुछ चीनी कंपनियों पर 23 फीसदी और कुछ पर 30 फीसदी की एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जाए. इसका उद्देश्य सस्ते इम्पोर्ट को रोकना और भारतीय कंपनियों को कंपटीशन का समान अवसर देना है. DGTR की सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय अंतिम फैसला लेगा.
दूसरे प्रोडक्ट पर भी एंटी डंपिंग ड्यूटी का प्रस्ताव
DGTR ने सोलर सेल के अलावा वर्जिन मल्टी लेयर पेपरबोर्ड पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है. यह ड्यूटी 152.27 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से 221.36 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच होगी. इसके अलावा सोडा ऐश पर तुर्की रूस अमेरिका और ईरान से इम्पोर्ट पर भी ड्यूटी का प्रस्ताव है.
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डोमेस्टिक इंडस्ट्री को सस्ते इम्पोर्ट से सेफ्टी
एंटी डंपिंग ड्यूटी का मकसद विदेशी कंपनियों द्वारा सस्ते में उत्पाद भेजकर भारतीय बाजार को नुकसान पहुंचाने से रोकना है. यह कदम घरेलू उद्योगों को कंपटीशन में बराबरी का मौका देगा. भारत ने पहले भी कई उत्पादों पर चीन सहित कई देशों से आने वाले सस्ते आयात पर ड्यूटी लगाई है. फिलहाल भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर का है.