90 दिन से वेतन गायब! Bira 91 ने मार्केटिंग पर उड़ाए करोड़ों पर नतीजे नदारद, कर्मचारी भी कर रहे शिकायत

देश की एक चर्चित बीयर कंपनी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार, कंपनी के अंदरूनी हालात ठीक नहीं हैं और कर्मचारी लगातार कई तरह की शिकायतें कर रहे हैं लेकिन आखिर क्या है पूरी कहानी, पढ़ें आगे...

क्राफ्ट बीयर कंपनी Bira 91 पर छाया संकट Image Credit: Money9 Live

Bira 91 Crisis: भारत की लोकप्रिय क्राफ्ट बीयर कंपनी Bira 91 इन दिनों आंतरिक अव्यवस्थाओं और कर्मचारियों के आक्रोश का सामना कर रही है. जहां एक तरफ कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर बड़ा दांव लगाया वहीं अब पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने वेतन में देरी, भत्तों का भुगतान न होने और अनसुलझे बकायों की शिकायतें सामने रखी हैं.

क्या हैं कर्मचारियों की शिकायतें?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कई कर्मचारियों ने बताया कि वेतन में देरी नवंबर 2024 से शुरू हुई. इसी दौरान यात्रा और दैनिक भत्ते भी रोक दिए गए.उसके दो महीने बाद यानी जनवरी 2025 में 70 फीसदी स्टाफ को नई लोकेशन या रोल में जबरन बदला गया जो नहीं माने उन्हें इस्तीफा देने को कहा गया.

एक पूर्व सेल्सकर्मी ने कहा, “दिसंबर में इस्तीफा दिया था, दो महीने की नोटिस अवधि भी सर्व की. उन्होंने कहा था कि सभी बकाया जल्द क्लियर कर दिया जाएगा लेकिन अब 90 दिन हो गए आज तक पैसा नहीं मिला. कंपनी का अब कहना है कि मई 31 तक सारे पैसे मिल जाएंगे.”

क्या है कंपनी का मुश्किलें?

रिपोर्ट के हवाले से एक पूर्व मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव ने बताया, “2023 में कंपनी ने जितना टारगेट किया था उसका सिर्फ 40 फीसदी ही हासिल कर सकी.” इसके बावजूद कंपनी ने ICC स्पॉन्सरशिप और IPL साझेदारियों पर 200-250 करोड़ रुपये खर्च किए.

“हमने ATL और BTL कैंपेन से डिमांड बनाई लेकिन स्टॉक ही नहीं था. वेंडर को भुगतान नहीं हुआ, कच्चा माल नहीं आया और ब्रेवरीज में काम होना बंद हो गया.”

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इसके अलावा कंपनी लीगल नाम में बदलाव और लेबलिंग से जुड़ी मुश्किलें का भी सामना कर रही है. 2023 में कंपनी ने अपना कानूनी नाम बदला जिससे कई राज्यों में प्रोडक्ट री-लेबलिंग की आवश्यकता पड़ी. इससे सप्लाई चेन बाधित हुई और गर्मियों के पीक सीजन में भी इन्वेंटरी की भारी कमी देखने को मिली. FY23-24 में कंपनी का रेवेन्यू 22 फीसदी की गिरावट के साथ 638 करोड़ पर आकर अटक गया, वहीं उसने अपने रेवेन्यू से कहीं ज्यादा घाटा झेला. इसी वर्ष कंपनी को 748 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.