अनिल अंबानी को दूसरी बार ED ने भेजा नोटिस, 14 नवंबर को किया तलब, 17000 करोड़ के लोन फ्रॉड का मामला

Anil Ambani Loan Fraud Case: इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी को दूसरी बार तलब किया है. ईडी ने गुरुवार को अनिल अंबानी को मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक बार फिर तलब किया है.

अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. Image Credit: Getty image

Anil Ambani Loan Fraud Case: उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. अब इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी को दूसरी बार तलब किया है. उन्हें 14 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया है.

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को ईडी की कड़ी पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है. जांच एजेंसी ने उन्हें कथित बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगले सप्ताह पूछताछ के लिए बुलाया है. 66 वर्षीय इस दिग्गज कारोबारी से एजेंसी ने अगस्त में भी पूछताछ की थी.

अस्थायी अटैचमेंट आदेश

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने गुरुवार को अनिल अंबानी को मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक बार फिर तलब किया है.

यह समन अनिल अंबानी और उनके समूह की कंपनियों से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच करने के दो दिन बाद आया है. एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत चार अस्थायी अटैचमेंट आदेश जारी किए थे.

अटैच की गई हैं संपत्तियां

अटैच की गई संपत्तियों में अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित आवास और रिलायंस समूह की कंपनियों के स्वामित्व वाली कई रेसिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी शामिल हैं. अन्य अटैच की गई संपत्तियों में दिल्ली के महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर का एक प्लॉट, साथ ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और पूर्वी गोदावरी में स्थित संपत्तियां शामिल हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अटैच की गई संपत्तियों का कुल वैल्यू 3,084 करोड़ रुपये है.

हेराफेरी और लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामला

यह जांच रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) द्वारा जुटाए गए पब्लिक के पैसों की कथित हेराफेरी और लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. 2017 और 2019 के बीच यस बैंक ने अलग-अलग माध्यमों से RHFL में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया. एजेंसी ने बताया कि दिसंबर 2019 तक, ये लोन नॉन-परफॉर्मिंग हो गए, जिसमें आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुरये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया थे.

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