त्योहारी सीजन में 14 लाख करोड़ का धमाका! कपड़े से कार तक जमकर हो रही खरीदारी, रॉकेट बनेगी इकोनॉमी
GST में कटौती, कम ब्याज दर, इनकम टैक्स छूट और 4 फीसदी से नीचे महंगाई. इन फैक्टर्स की वजह से त्योहारी सीजन में भारत में कपड़ों से लेकर कार तक बंपर खरीदारी चल रही है. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार त्योहारी खर्च 14 लाख करोड़ के धमाकेदार नंबर तक पहुंच सकता है, जिससे इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलने की उम्मीद है.
Festive Shopping: त्योहारी सीजन में भारतीय उपभोक्ताओं की खरीदारी का जश्न शुरू हो गया है और अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है. बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार त्योहारी खर्च 14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर कार और व्हाइट गुड्स तक लोग जमकर खर्च करने वाले हैं, जिससे इकोनॉमी एक रॉकेट की तरह ऊपर उछलने की तैयारी में है.
त्योहारी खर्च का बड़ा अनुमान
बैंक ऑफ बड़ौदा ने पिछले 5-6 सालों के अक्टूबर-दिसंबर के खर्च के रुझानों का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारों और विवाह से जुड़ी कुल खपत 12 से 14 लाख करोड़ रुपए तक हो सकती है. इस खर्च का मुख्य हिस्सा कपड़े, जूते, विवाह, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर जाएगा. दैनिक उपभोक्ता वस्तुएं जैसे खाद्य सामग्री और एफएमसीजी इसमें शामिल नहीं हैं.
कपड़े और फुटवियर में उछाल
त्योहारों के लिए नए परिधान और जूते खरीदने की परंपरा जारी है. अनुमान है कि इस अवधि में कपड़े और फुटवियर पर 2,80,000 से 3,00,000 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकता है. ऑनलाइन शॉपिंग चैनलों और बदलते उपभोक्ता व्यवहार से इस खर्च में और इजाफा होने की उम्मीद है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री
जीएसटी 2.0 सुधारों और घटाई गई कर दरों के बाद पैसेंजर कार और टू-व्हीलर की मांग बढ़ने की संभावना है. इस कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में 1,50,000 से 2,00,000 करोड़ रुपये तक बिक्री होने की उम्मीद है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स
स्मार्टफोन, लैपटॉप और टीवी जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे 1,00,000 से 1,20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. व्हाइट गुड्स जैसे वाशिंग मशीन, फ्रिज और एसी पर भी त्योहारों में मांग बढ़ती है, अनुमानित बिक्री 35,000-40,000 करोड़ रुपये तक रह सकती है.
मिठाइयां, गिफ्टिंग और यात्रा
त्योहारों और विवाह समारोहों में मिठाइयों पर लगभग 40,000-45,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. कॉर्पोरेट गिफ्टिंग और कार्यक्रमों पर 15,000-20,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यात्रा पर लगभग 60,000-70,000 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं, जिसमें अधिकतर खर्च एयर ट्रैवल पर होने की संभावना है. ऑनलाइन फूड ऑर्डर और रेस्टोरेंट विजिट से भी 65,000-75,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.
इकोनॉमी को मिलेगी रॉकेट की रफ्तार
बढ़ती मांग, घटती महंगाई, कीमतों में गिरावट और इनकम टैक्स में राहत के चलते इस साल त्योहारी सीजन में खपत में ऐतिहासिक वृद्धि देखने को मिलेगी. कपड़े से लेकर कार तक हर सेगमेंट में खर्च बढ़ने से भारतीय इकोनॉमी रॉकेट की तरह ग्रोथ करती दिख सकती है.