उधारी की तैयारी! FY26 की पहली छमाही में 8 लाख करोड़ का कर्ज लेगी सरकार, FinMin ने पेश की योजना
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को आगामी वित्त वर्ष के लिए उधारी की योजना पेश कर दी है. इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट जारी किया है. इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार 8 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी. वित्त मंत्रालय ने यह कर्ज लेने की यह योजना रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श के आधार पर बनाई है.
Finance Ministry ने RBI की सलाह पर आगामी वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी H1 FY26 के लिए अपनी उधारी लेने की योजना पेश की है. इस योजना के तहत भारत सरकार गवर्नमेंट सिक्योरिटीज यानी G-Sec के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी.
बजट में कितनी उधारी का प्रावधान?
पिछले महीने पेश किए गए बजट में केंद्र सरकार ने FY26 के लिए कुल 14.82 लाख करोड़ की सकल बाजार उधारी का प्रावधान किया है. इस उधारी की सीमा का करीब 54 फीसदी यानी 8 लाख करोड़ रुपये सरकार पहली छमाही में ही जुटाने की तैयारी में है.
क्या है उधारी की योजना
8 लाख करोड़ रुपये की उधारी डेटेड सिक्योरिटीज के जरिये जुटाई जाएगी. इसके अलावा 10,000 करोड़ सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड यानी SGrBs के जरिये जुटाए जाएंगे. यह उधारी 26 साप्ताहिक नीलामियों के जरिये पूरी की जाएगी, जिसमें अलग-अलग मैच्योरिटी टर्म की सिक्योरिटीज जारी की जाएंगी.
मैच्योरिटी टर्म | उधारी का प्रतिशत |
3 वर्ष | 5.30% |
5 वर्ष | 11.30% |
7 वर्ष | 8.20% |
10 वर्ष | 26.20% |
15 वर्ष | 14.00% |
30 वर्ष | 10.50% |
40 वर्ष | 14.00% |
50 वर्ष | 10.50% |
अतिरिक्त दो हजार करोड़ का ऑप्शन
G-Sec मैच्योरिटी प्रोफाइल को बैलेंस्ड बनाए रखने के लिए सरकार स्विचिंग और बायबैक भी ऑपरेट कर सकती है. इसके अलावा प्रत्येक नीलामी अधिसूचना में तय सिक्योरिटीज के लिए 2,000 करोड़ तक के अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन का अधिकार सुरक्षित रखा जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार चाहे तो नीलामी के दौरान 2000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सिक्योरिटीज बेच सकती है.
ट्रेजरी बिल से कितनी उधारी?
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी Q1 में साप्ताहिक ट्रेजरी बिलों के जरिये 19,000 करोड़ की उधारी जुटाई जाएगी. इनमें 91 दिन के टी-बिल के तहत 9,000 करोड़, 182 दिन के टी-बिल के तहत 5,000 करोड़ और 364 दिन के टी-बिल के तहत 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई गई है.
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड्स
अपने उधार कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सरकार H1 FY26 में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के जरिये जो 10,000 करोड़ रुपये जुटाएगी, उसकी मैच्योरिटी 3 साल, 5 साल, 7 साल, 10 साल, 15 साल, 30 साल, 40 साल और 50 साल तक की होगी.