बैंकिंग में बड़े बदलाव की तैयारी, सरकार ने पहली बार SBI के MD पद के लिए प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला दरवाजा

यह सुधार सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों में एमडी, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और फुल टाइम डायरेक्टर्स जैसी टॉप पोजीशन की चयन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. नए नियमों के तहत, प्राइवेट सेक्टर के उम्मीदवार SBI के एमडी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे तय पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों.

बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तरफ सरकार ने बढ़ाया कदम. Image Credit: PTI

भारतीय बैंकिंग सेक्टर में पहली बार प्राइवेट सेक्टर के प्रोफेशनल अब सरकारी बैंकों (PSB) में सीनियर लीडरशिप पदों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. इसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में प्रतिष्ठित मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) का पद भी शामिल है. यह सुधार सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों में एमडी, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और फुल टाइम डायरेक्टर्स जैसी टॉप पोजीशन की चयन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है. यह बैंकिंग सेक्टर के हाई लेवल पर ट्रांस्परेंसी, प्रतिस्पर्धा और योग्यता-आधारित नियुक्ति को प्रोत्साहित करने की एक व्यापक पहल का हिस्सा है.

अपडेटेड कंसोलिडेटेड गाइडलाइंस को मंजूरी

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने पीएसबी और सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनियों में चेयरपर्सन, सीईओ, एमडी और कार्यकारी निदेशकों (ED) सहित डब्ल्यूटीडी की नियुक्ति के लिए अपडेटेड कंसोलिडेटेड गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है.

आवेदन करने के लिए योग्यता

नए नियमों के तहत, प्राइवेट सेक्टर के उम्मीदवार SBI के एमडी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे तय पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों. आवेदकों के पास कम से कम 21 वर्षों का प्रोफेशनल अनुभव होना चाहिए, जिसमें बैंकिंग में न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव शामिल है और उन्हें किसी बैंक के बोर्ड स्तर पर दो वर्ष या बोर्ड से नीचे के उच्चतम स्तर पर तीन वर्ष की सर्विस प्रदान की हो.

APAR की आवश्यकता को हटाया गया

फाइनेंशियल सर्विस इंस्टीट्यूशन ब्यूरो (FSIB), जिसे टॉप वित्तीय नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है, को निजी क्षेत्र के आवेदकों के वैल्यूएशन के लिए स्वतंत्र मानव संसाधन एजेंसियों को नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है. सरकार ने चयन प्रक्रिया से एनुअल परफॉर्मेंस वैल्यूएशन रिपोर्ट (APAR) की आवश्यकता को हटा दिया है, जो एक आधुनिक, प्रदर्शन-आधारित वैल्यूएशन फ्रेमवर्क की ओर कदम बढ़ाने का संकेत है.

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों और सरकारी बीमा कंपनियों को इन बदलावों की औपचारिक सूचना दे दी है और संशोधित नियुक्ति प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार कर दी है.

इस कदम का क्या है उद्देश्य

रिपोर्ट के अनुसार, इस सुधार से सार्वजनिक और निजी, दोनों क्षेत्रों से शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नेतृत्व में व्यावसायिकता और जवाबदेही को मजबूत करने की उम्मीद है. एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया, ‘इस सुधार का उद्देश्य भारत के वित्तीय संस्थानों में नेतृत्व की भूमिकाओं में पारदर्शिता, विविधता और योग्यता-आधारित चयन लाना है.’

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