विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट, इस साल के शीर्ष से 5 अरब डॉलर घटा
विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट देखने को मिली है. विदेशी मुद्रा भंडार इस साल के शीर्ष स्तर 703 अरब डॉलर से अब तक करीब 5 अरब डॉलर घट चुका है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 10 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिवर्ज 2.1 अरब डॉलर घट गया है.
रिजर्व बैंक ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की सप्ताहिक स्थिति को बताने वाले आंकड़े जारी कर दिए हैं. 10 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिवर्ज में 2.1 अरब डॉलर की कमी आई है. पिछले वर्ष फॉरेक्स रिजर्व 705 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा. इसके बाद लगातार लंबी गिरावट का दौर चला और इस साल 17 जनवरी को 624 अरब डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया. हालांकि, इसके बाद इसमें लगातार रिकवरी का दौर चला और इस साल के शीर्ष स्तर 703 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
इस सप्ताह में कैसा रहा प्रदर्शन
रिवर्ज बैंक की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक फॉरेक्स रिजर्व में 2.1 अरब डॉलर की कमी आई है. यह अब घटकर 697.784 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, इससे पहले 3 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेक्स रिवर्ज 700 अरब डॉलर के स्तर पर था. इस तरह एक सप्ताह के दौरान कुल 2.176 अरब डॉलर की कमी आई है.
फॉरेन करेंसी एसेट
विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे अहम हिस्से फॉरेन करेंसी एसेट (FCA) में रिपोर्ट किए गए सप्ताह में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. FCA में इस दौरान 5.605 अरब डॉलर की कमी आई है. यह घटकर 572.103 अरब डॉलर रह गया है. FCA में यूरो, पाउंड और येन जैसी करेंसी होती हैं, जिन्हें डॉलर की तुलना में आंका जाता है. जब इन करेंसी की तुलना में डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव होता है, तो FCA के वैल्यूएशन पर भी असर देखने को मिलता है.
कितना रहा गोल्ड रिवर्ज?
रिजर्व बैंक अपने फॉरेक्स रिवर्ज का एक बड़ा हिस्सा गोल्ड के तौर पर भी रखता है. 10 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में रिजर्व बैंक के पास मौजूद गोल्ड रिजर्व का वैल्यूएशन 30.998 अरब डॉलर रहा. एक सप्ताह के भीतर गोल्ड रिजर्व में 3.595 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है.
SDR और IMF रिजर्व
फॉरेक्स रिजर्व का एक हिस्सा SDR होल्डिंग्स और IMF रिजर्व के तौर पर भी रखा जाता है. रिपोर्टेड वीक में SDR में 13 करोड़ डॉलर की कमी आई है. यह अब घटकर 18.684 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, IMF रिवर्ज में 3.6 करोड़ डॉलर की कमी आई है. यह अब घटकर 4.632 अरब डॉलर रह गया है.