पूरे सप्ताह 1 लाख से ऊपर चढ़ता रहा सोने का दाम, रक्षाबंधन पर भी दिखी खरीदारी की चमक; चांदी की कीमत भी चढ़ी
इस हफ्ते सोने-चांदी के बाजार में कुछ ऐसा हुआ कि पुराने रिकॉर्ड ही टूट गए. निवेशक और ज्वैलर्स दोनों हैरान रह गए, क्योंकि भावों में हलचल लगातार बनी रही. बाजार एक्सपर्ट का कहना है कि असली वजह विदेशी संकेतों से जुड़ी है, लेकिन पूरी तस्वीर जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.

पिछले हफ्ते सोने और चांदी के दामों में लगातार बदलाव देखने को मिला, जिसने निवेशकों को एक बार फिर सतर्क कर दिया. बुलियन्स और MCX दोनों के रेट्स में हलचल रही, वहीं चांदी ने भी अपने निवेशकों को हैरान किया. इस पूरे सप्ताह सोने का दाम 1 लाख रुपये के आंकड़े पर बना रहा. खास बात यह रही कि रक्षाबंधन के मौके पर भी ये रेट ऊंचाई पर टिके रहे. इस रिपोर्ट में आप जानेंगे कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि दाम इतने बदले, और इन बदलावों के पीछे की वजहें क्या रहीं.
बुलियन गोल्ड रेट में कैसा रहा उतार-चढ़ाव?
सप्ताह की शुरुआत 24 कैरेट सोने के बुलियन रेट 1,01,320 रुपये/10 ग्राम पर हुई. यह 4 अगस्त 2025 का भाव था. अगले दो दिन हल्की तेजी के साथ कीमत 1,01,430 और 1,01,360 रुपये देखने को मिला है, लेकिन फिर से 7 अगस्त को तेज उछाल के साथ 1,01,790 रुपये तक पहुंचा. अंतिम दो दिन यानी 8 अगस्त और 9 अगस्त लगातार चढ़ते हुए भाव 1,02,080 रुपये और 1,02,090 रुपये तक जा पहुंचे. यानी पूरे सप्ताह में गोल्ड ने लगभग 770 रुपये की बढ़त दर्ज की.
यह उतार-चढ़ाव क्यों आया? एक्सपर्ट्स की मानें तो अगस्त की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में केंद्रीय बैंकों (खासकर चीन) की गोल्ड खरीदारी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के संकेतों ने रिस्क-ऑफ ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया. साथ ही, नए व्यापारिक टैरिफ्स और वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों ने सेफ हेवन यानी गोल्ड का रुख किया, जिससे कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी आई.
MCX गोल्ड में भी हलचल
अगर MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) की बात करें, तो यहां भी हर दिन छोटे बदलाव रहे. 4 अगस्त को ₹1,01,204/10 ग्राम से शुरू होकर 8 अगस्त तक 1,01,798 रुपये/10 ग्राम पहुंचा, यानी पूरे सप्ताह में लगभग 600 रुपये की बढ़त. मार्केट विश्लेषण में यह पाया गया कि एमसीएक्स पर विदेशी संकेतों की वजह से ट्रेडर्स ने एक्टिव हो कर नए पोजिशन बनाए, जिससे इंट्राडे वोलैटिलिटी रही. टेक्निकल चार्ट्स में भी हल्की रेंज बाउंड ट्रेडिंग के आसार रहे, लेकिन जैसे ही अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ, रेट्स में उछाल नजर आया.
अचानक हुए बदलाव के कारण?
- फेडरल रिजर्व की पॉलिसी ओवरव्यू: ब्याज दरें स्थिर रखने का ऐलान हुआ, जिससे गोल्ड में गिरावट नहीं आई, बल्कि जल्दी कट्स की उम्मीद से सपोर्ट मिला.
- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: खासतौर पर चीन की लगातार खरीदारी ने भाव में मजबूती दी.
- ग्लोबल ट्रेड वॉर और अनिश्चितता: नई टैरिफ पॉलिसी की वजह से निवेशक जोखिम वाले एसेट्स से गोल्ड की तरफ शिफ्ट हुए.
- घरेलू मांग में बढ़ोतरी: राखी जैसे त्योहार के सीजन में सोने की डिमांड ने भी प्रीमियम में इजाफा किया.
सिल्वर का हफ्तेभर में कैसा रहा ग्राफ?
चांदी ने भी पिछले सप्ताह ऊपरी रेंज में ट्रेड किया 1,12,620 रुपये/किलोग्राम से 1,15,380 रुपये/किलोग्राम तक भाव गए. यानी, पूरे सप्ताह में 2,760 रुपये की बढ़त देखी गई. इसका बड़ा कारण अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और नए ट्रेड टैरिफ्स रहे, जिनसे सुरक्षित निवेश के लिए चांदी की मांग तेजी से बढ़ी.
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गोल्ड और सिल्वर दोनों के दामों में हलचल के बावजूद बाजार का मूड फिलहाल तेज बना हुआ है. ब्याज दरों की नीति, केंद्रीय बैंकों की खरीद, अंतरराष्ट्रीय बाजार की अस्थिरता और घरेलू सीजनल डिमांड ने सोने-चांदी को सुरक्षित निवेश की कैटेगरी में बनाए रखा.
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