अमेरिका- स्विट्जरलैंड नहीं, यह यूरोपीय देश बन रहा अमीरों की पहली पसंद, 10 साल में बढ़ी 124% आबादी; जानें ‘ग्रेट वेल्थ माइग्रेशन’ का कारण

लंबे समय से अमेरिका, स्विट्जरलैंड जैसे देश उनकी पहली पसंद रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब अमीरों का रुख इन बड़े देशों से हटकर एक छोटे से यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो की ओर हो रहा है. फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल में यहां करोड़पतियों की आबादी 124 फीसदी बढ़कर 2,800 तक पहुंच गई है.

मोंटेनेग्रो

वैसे तो दुनिया के सबसे धनी लोग आमतौर पर ऐसे देशों में बसना पसंद करते हैं जहां राजनीतिक स्थिरता, बेहतर सुविधाएं, लग्जरी लाइफस्टाइल और सुरक्षित माहौल हो. लंबे समय से अमेरिका, स्विट्जरलैंड जैसे देश उनकी पहली पसंद रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब अमीरों का रुख इन बड़े देशों से हटकर एक छोटे से यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो की ओर हो रहा है. यही नहीं, फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल में यहां करोड़पतियों की आबादी 124 फीसदी बढ़कर 2,800 तक पहुंच गई है.

क्यों बन रहा है मोंटेनेग्रो अमीरों की पसंद?

दुनिया के सबसे अमीरों का मोंटेनेग्रो की तरफ आकर्षित होने के पीछे तीन वजह हैं. पहली, यहां कम टैक्स का फायदा है. मोंटेनेग्रो में फ्लैट इनकम टैक्स है और न ही विरासत या गिफ्ट टैक्स लगता है, जिससे अमीर लोग अपनी संपत्ति सुरक्षित रख पाते हैं. दूसरी वजह है लग्जरी और लाइफस्टाइल. यहां लग्जरी रियल एस्टेट और मेडिटेरेनियन तट की खूबसूरत लाइफस्टाइल मौजूद है. तीसरी वजह है यहां का गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम. हालांकि अब यह योजना बंद हो चुकी है, लेकिन निवेश-के-बदले-नागरिकता कार्यक्रम ने पहले बड़ी संख्या में अमीर परिवारों को आकर्षित किया था.

कहां है मोंटेनेग्रो?

मोंटेनेग्रो (Montenegro) दक्षिण-पूर्वी यूरोप में स्थित एक छोटा सा देश है, जो बाल्कन प्रायद्वीप (Balkan Peninsula) में आता है. इसकी राजधानी पोडगोरिका (Podgorica) है. यह उत्तर-पश्चिम में क्रोएशिया, उत्तर-पूर्व में सर्बिया, पूरब में कोसोवो और दक्षिण-पूर्व में अल्बानिया से घिरा है. साल 2024 के आंकड़ों के मुताबिक यहां की कुल आबादी करीब 6.2 लाख है.

अमीरों का ‘ग्रेट वेल्थ माइग्रेशन’

हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक इस साल यानी 2025 में करीब 1,42,000 करोड़पति अपने देश छोड़कर नए स्थान पर बसने की योजना बना रहे हैं. यह संख्या अगले साल बढ़कर 1,65,000 तक पहुंच सकती है. इस बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को ‘ग्रेट वेल्थ माइग्रेशन’ कहा जा रहा है, जिसके पीछे भू-राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक चुनौतियां और बदलता सामाजिक-राजनीतिक माहौल बड़ी वजह है.

यूएई अब भी नंबर वन गंतव्य

हालांकि मोंटेनेग्रो की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन अमीरों का सबसे पसंदीदा ठिकाना अब भी यूएई है. इस साल यहां करीब 9,800 करोड़पति बसने की संभावना है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. राजनीतिक स्थिरता, बिजनेस-फ्रेंडली माहौल और गोल्डन वीजा प्रोग्राम इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं.

पश्चिमी यूरोप से धन का पलायन

इसके उलट, कई पश्चिमी यूरोपीय देश करोड़पतियों के बड़े पैमाने पर पलायन का सामना कर रहे हैं. इस साल यूके करोड़पति पलायन में दुनिया में सबसे आगे है. अनुमान है कि 16,500 करोड़पति, जो करीब 91.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं, ब्रिटेन छोड़ देंगे. साथ ही फ्रांस, स्पेन और जर्मनी जैसे देशों में भी करोड़पतियों के निकलने की चिंताजनक रफ्तार देखी जा रही है.

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