150 से अधिक देशों में साइबर हमले का अलर्ट, एप्पल और गूगल ने यूजर्स को किया सतर्क; जानें डिटेल्स

एप्पल और गूगल ने 150 से अधिक देशों के यूजर्स को साइबर हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है. राज्य समर्थित हैकिंग और स्पायवेयर हमलों के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह चेतावनी भेजी गई है. इंटेलेक्सा स्पायवेयर के माध्यम से कई देशों में यूजर्स को निशाना बनाया गया है. यूरोपीय संघ और अन्य देशों में इस मामले की जांच भी तेज हो गई है.

साइबर फ्रॉड Image Credit: FreePik

Cyber Attack Alert: दुनियाभर में डिजिटल जासूसी और साइबर हमला का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी बीच एप्पल और गूगल ने 150 से अधिक देशों के यूजर्स को साइबर हमले को लेकर चेतावनी जारी की है. यह अलर्ट उन यूजर्स को भेजा गया है, जिनके डिवाइस पर राज्य द्वारा हैकिंग और स्पायवेयर हमलों का खतरा पाया गया है. टेक कंपनियों के अनुसार, वाणिज्यिक स्पायवेयर कंपनियां और सरकारी एजेंसियां अब पहले से अधिक संगठित तरीके से निगरानी कर रही हैं, जिससे व्यक्तिगत डाटा और गोपनीयता पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

2 दिसंबर को एप्पल ने भेजा अलर्ट

एप्पल ने पुष्टि की है कि उसने 2 दिसंबर को नई चेतावनियां जारी की थीं. हालांकि कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने यूजर्स प्रभावित हुए या हमलों के पीछे कौन से संगठन जिम्मेदार हैं. एप्पल के अनुसार, उसका खतरा सूचना कार्यक्रम शुरू होने के बाद अब तक 150 से अधिक देशों के यूजर्स को इस तरह के अलर्ट भेजे जा चुके हैं. ये चेतावनियां तभी जारी की जाती हैं, जब किसी यूजर को विशेष रूप से निशाना बनाए जाने के पुख्ता संकेत मिलते हैं.

गूगल ने इंटेलेक्सा स्पायवेयर को बताया बड़ा खतरा

3 दिसंबर को गूगल ने जानकारी दी कि उसने इंटेलेक्सा स्पायवेयर के जरिए किए गए हमलों के शिकार बने सभी ज्ञात यूजर्स को सूचित किया है. गूगल के अनुसार, इस अभियान में कई सौ खाते प्रभावित हुए हैं, जिनमें पाकिस्तान, कजाकिस्तान, अंगोला, मिस्र, उजबेकिस्तान, सऊदी अरब और ताजिकिस्तान जैसे देशों के यूजर्स शामिल हैं. गूगल ने बताया कि इंटेलेक्सा पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद यह संगठन अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है.

यूरोप से लेकर वैश्विक स्तर तक बढ़ी जांच

एप्पल और गूगल की इन चेतावनियों के बाद कई देशों में राजनीतिक स्तर पर जांच भी शुरू हुई है. इससे पहले यूरोपीय संघ ने भी ऐसे मामलों में जांच शुरू की थी, जब वरिष्ठ अधिकारियों के फोन को स्पायवेयर के जरिए निशाना बनाए जाने के आरोप सामने आए थे. साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसी चेतावनियां जासूसी नेटवर्क को बेनकाब करने में अहम भूमिका निभाती हैं और पीड़ितों को कानूनी सुरक्षा की दिशा में पहला कदम देती हैं.

क्यों बढ़ रहा है कमर्शियल स्पायवेयर का खतरा

डिजिटल जासूसी का यह बाजार अब अरबों रुपये का हो चुका है. सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी कंपनियां भी निगरानी तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे हैकिंग उपकरण अधिक बेहतर होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे आम यूजर्स के लिए खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. एप्पल और गूगल ने साफ संकेत दिया है कि यूजर्स को अब साइबर सुरक्षा को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

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