क्या है लिक्विड गोल्ड, जिसका टैक्स चोरी के लिए कारोबारियों ने निकाला तोड़, भारत में आ गया 69000 किलो
भारत ने FY25 में UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया से 1.11 लाख किलोग्राम गोल्ड कंपाउंड आयात किया, जो कुल आयात का 87% है.इन देशों से आयात पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगती, जिससे करीब 906 करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ.
Gold Compound Import Data: देश में सोने पर टैक्स चोरी का तरीका अब बदल चुका है. पहले जहां लोग शरीर या सामान में छिपाकर सोना लाते थे, वहीं अब कानूनी तरीके से लिक्विड गोल्ड (गोल्ड कंपाउंड) के नाम पर भारी मात्रा में सोना जीरो ड्यूटी पर मंगाया जा रहा है. UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आने वाले इन गोल्ड कंपाउंड्स पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगती, जिससे सरकार को भारी राजस्व घाटा हो रहा है. FY25 में इस तरीके से लगभग 906 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी का नुकसान हुआ है.
गोल्ड कंपाउंड्स के आयात में तेजी
जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में गोल्ड कंपाउंड्स का आयात 9.25 गुना बढ़कर 69,879 किलोग्राम तक पहुंच गया. वहीं FY25 में कुल 1.11 लाख किलोग्राम गोल्ड कंपाउंड्स UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया से मंगाए गए. इन कंपाउंड्स में करीब 15 फीसदी शुद्ध सोना होता है, जिसे देश में छोटी रिफाइनरियों में निकाल लिया जाता है.
कस्टम ड्यूटी से बचने का रास्ता
गोल्ड कंपाउंड्स को 0 प्रतिशत ड्यूटी पर मंगाया जा सकता है, जबकि सामान्य सोने पर 6 प्रतिशत ड्यूटी लगती है. इससे कुछ व्यापारी सस्ते दाम पर सोना बेचते हैं, जिससे बाजार में सही कीमत तय करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा ऐसे कंपाउंड्स को बिना किसी परमिट के सीधा मंगाया जा सकता है, जबकि सोने के आयात के लिए DGFT की अनुमति जरूरी होती है.
प्लैटिनम अलॉय पर बैन से बढ़ी तस्करी
सरकार ने फरवरी के बजट में प्लैटिनम अलॉय पर पाबंदी लगाई, जिससे अब उसमें भी लाइसेंस जरूरी हो गया है. इसके बाद आयातकों ने गोल्ड कंपाउंड्स की तरफ रुख किया. यह प्रक्रिया आसान है और रिफाइनिंग भी सस्ती है. इससे न सिर्फ ट्रेड डेटा प्रभावित हो रहा है बल्कि IIBX जैसे प्लेटफॉर्म से होने वाला सोने का आयात भी घटने की आशंका है.
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इन 3 देशों से सबसे ज्यादा मंगाया सोना
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), जापान और ऑस्ट्रेलिया से सबसे अधिक गोल्ड कंपाउंड (liquid gold) आयात किया, जो कुल आयात का लगभग 87 प्रतिशत रहा. इन देशों के साथ भारत के व्यापार समझौते के तहत इस आयात पर कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगी. इस वर्ष भारत ने इन देशों से कुल 1,11,856 किलोग्राम गोल्ड कंपाउंड मंगाया, जिसमें लगभग 15 प्रतिशत शुद्ध सोना होने के अनुमान के आधार पर करीब 16,778 किलोग्राम सोना भारत में रिफाइन किया गया. इस प्रक्रिया से सरकार को लगभग 906 करोड़ रुपये के कस्टम ड्यूटी का नुकसान हुआ है.