फेड रेट की कटौती की सुगबुगाहट, ट्रंप की ट्रेड धमकी और डॉलर की कमजोरी, इन ट्रिगर्स से और भागेगा सोना?

सोने के दाम एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 4000 डॉलर के पार जा पहुंचा है. डॉलर की कमजोरी, फेड की संभावित दर कटौती और अमेरिका-चीन के बीच तनाव की वापसी ने बाजार का रुख बदल दिया है. क्या यह सोने की नई बुल रैली की शुरुआत है?

गोल्ड प्राइस आउटलुक. Image Credit: FreePik

सोने की चमक एक बार फिर बढ़ गई है. शुक्रवार को स्पॉट गोल्ड (XAU/USD) ने 4000 डॉलर (करीब ₹3.34 लाख प्रति औंस) का स्तर दोबारा हासिल कर लिया. यह 1.02 फीसदी की तेजी के साथ 4016.68 डॉलर (लगभग 3.36 लाख रुपये) पर बंद हुआ. इसकी बड़ी वजह बनी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ धमकी, जिसने बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी और निवेशकों को एक बार फिर सोने जैसे सुरक्षित ठिकाने की ओर मोड़ दिया. भारतीय रिटेल मार्केट में 24 कैरेट सोने की कीमत 123000 रुपये के आस पास है.

ट्रंप की टैरिफ धमकी से हिला बाजार

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने में दिलचस्पी नहीं रखते और चीन से आने वाले आयात पर “बड़े पैमाने” पर टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. इस बयान के बाद शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि सोना तेजी से ऊपर चढ़ गया. विश्लेषकों का कहना है कि अगर ट्रंप फिर से ट्रेड वॉर को हवा देते हैं तो डॉलर कमजोर होगा और सेफ-हेवन यानी सोने को फायदा मिलेगा.”

फेड की दरों में कटौती की उम्मीद से भी सहारा

ट्रंप की धमकी के अलावा, बाजार अब फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. अक्टूबर और दिसंबर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की संभावना जताई जा रही है. इससे अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट आई और डॉलर कमजोर हुआ. डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को 0.6% टूट गया, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए सोना और आकर्षक बन गया. इसी दौरान गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश बढ़ा है.

कई देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे कीमतों को मजबूत सहारा मिल रहा है. इसके साथ ही अमेरिका में संभावित सरकारी शटडाउन और फ्रांस में जारी राजनीतिक अस्थिरता ने भी निवेशकों को जोखिम भरे एसेट्स से दूर रखा है.

तकनीकी तौर पर सोने में मजबूती कायम

तकनीकी स्तर पर सोना अब भी मजबूत ट्रेंड में है. 3939 और 3888 डॉलर के बीच छोटे सपोर्ट मौजूद हैं, जबकि 3819 डॉलर से नीचे गिरने पर ही ट्रेंड कमजोर माना जाएगा. फिलहाल 50-दिवसीय मूविंग एवरेज 3592 डॉलर (करीब ₹3 लाख) पर है. अगर तेजी जारी रही तो अगला साइकोलॉजिकल राउड नंबर 4100 और 4200 डॉलर (₹3.43–₹3.51 लाख) का हो सकता है.

यह भी पढ़ें: चीन पर नए अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रहे सतर्क, GTRI ने कहा- US ट्रेड डील में बरतें सावधानी

“साइकोलॉजिकल राउंड नंबर” से मतलब ऐसे आंकड़ों से है जो तकनीकी तौर पर ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए मानसिक सीमाएं (psychological barriers) बन जाते हैं. यानी ऐसे स्तर जिनके पार कीमत जाना या वहां से गिरना, बाजार की धारणा को बहुत प्रभावित करता है. भले ही उसके पीछे कोई तकनीकी या आर्थिक कारण न हो.

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