राजस्थान और UP के लड़कों का कमाल! बना डाला दुनिया का पहला ‘वूल डेनिम’ कपड़ा; माइनस 3-4°C में भी देगा गर्मी
राजस्थान और यूपी के दो युवाओं ने मिलकर दुनिया का पहला वूल डेनिम बनाया है, जो -3°C में भी गर्म रखता है और सिर्फ 7 लीटर पानी में तैयार होता है. IIT दिल्ली की लैब से निकला यह इनोवेशन अब यूरोप तक पहुंच चुका है. आइए जानते हैं इसे कैसे बनाया जाता है साथ ही इसमें किस टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल किया गया है.

Lakme Fashion Week में इस बार एक अनोखा भारतीय इनोवेशन चर्चा में रहा. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के फैशन डिजाइनर अनुराग गुप्ता और राजस्थान के धौलपुर के IIT दिल्ली के टेक्सटाइल इंजीनियर सतेंद्र सिंह ने मिलकर दुनिया का पहला वूल डेनिम तैयार किया है. दोनों ने मिलकर ऐसा रेशे वाला कपड़ा तैयार किया है, जिसमें ऊन की गर्मी और डेनिम की मजबूती है. खास बात यह है कि इस रेशे से बना कपड़ा -3°C से -4°C तापमान तक में भी शरीर को गर्म रखता है और यह पर्यावरण के अनुकूल है.
दुनिया का पहला वूल डेनिम कपड़ा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वूल डेनिम फैब्रिक कई प्राकृतिक रेशों के मिश्रण से तैयार किया गया है. इसमें मुख्य रूप से ऊन शामिल है, जो शरीर को गर्म रखता है और सर्दी के मौसम में थर्मल इंसुलेशन का काम करता है. इसके साथ ही हेम्प यानी भांग के पौधे का रेशा, जो कपड़े को फटने या जल्दी घिसने से बचाता है, केले का रेशा, जिसकी मदद से कपड़े में हल्कापन और नेचुरल शाइन आती है और बांस का रेशा, जो नमी सोखने और जल्दी सूखने में मदद करता है. इन सबका इस्तेमाल किया गया है. इन सभी के साथ रीसाइकल्ड कॉटन (Recycled cotton) जोड़ा गया है, जिससे कपड़े को डेनिम जैसी मजबूती और टेक्सचर मिलता है, और साथ ही पर्यावरण पर असर भी कम होता है.
दो युवाओं की कहानी
अनुराग गुप्ता का फैशन से लगाव बचपन से था, लेकिन छोटे कस्बे में रहते हुए उन्हें सीमित अवसर मिले. दूसरी ओर, धौलपुर के किसान परिवार से आने वाले सतेंद्र सिंह ने IIT दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में करियर बनाया. दोनों की मुलाकात तब हुई जब सतेंद्र ने IIT दिल्ली में ऊन से डेनिम बनाने की नई तकनीक विकसित की और अनुराग ने उसी फैब्रिक को अपने डिजाइन में इस्तेमाल किया.
पर्यावरण के लिए बेहतर ऑप्शन
जहां एक कॉटन डेनिम शर्ट तैयार करने में करीब 3,000 लीटर पानी लगता है, वहीं वूल डेनिम शर्ट में केवल 7 लीटर पानी की जरूरत होती है. साथ ही, इसे बनाने में 85 फीसदी तक कार्बन उत्सर्जन कम होता है और इसमें किसी भी तरह के केमिकल ड्राई वॉश की आवश्यकता नहीं होती. अनुराग गुप्ता ने वूल डेनिम से तैयार शर्ट, जैकेट, पैंट और ड्रेसेज का कलेक्शन पेश किया. यह कलेक्शन जापानी कलाकार होकुसाई की वेव्स पेंटिंग से प्रेरित है और इसमें तकनीक, स्टाइल और सस्टेनेबिलिटी का संयोजन दिखा. यह कलेक्शन भारत में टेक्नोलॉजी आधारित फैशन डिजाइन की दिशा में एक नई पहल मानी जा रही है.
ठंड और गर्मी दोनों के लिए उपयुक्त
यह वूल डेनिम -3°C से -4°C तक की ठंड में एक ही लेयर में पहना जा सकता है. इसमें नमी सोखने, जल्दी सूखने और आरामदायक फिट जैसी खूबियां हैं. सर्द और गर्म दोनों मौसमों में इसे बिना किसी अतिरिक्त लेयर के पहना जा सकता है. यह ऑल-वेदर वियर बन जाता है.
खुद का शुरु किया स्टार्टअप
सतेंद्र सिंह ने 2024 में IndigoTex नाम का स्टार्टअप शुरू किया, जो अब यूरोपीय देशों को यह वूल डेनिम एक्सपोर्ट कर रहा है. वह अब हाई-एल्टीट्यूड वियर, यानी बर्फीले इलाकों के लिए हल्के और अधिक टिकाऊ फैब्रिक पर काम कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- खूब फटते थे किचन के कूकर, इस शख्स ने 35 साल पहले बना दिया सुपर सेफ, सब कहने लगे जो बीवी से करे प्यार…
Latest Stories

BIS सर्टिफिकेशन ने बढ़ाई बीयर कंपनियों की टेंशन, सरकार से मांगी राहत; हर साल हो सकता 1300 करोड़ रुपये का नुकसान

फेड रेट की कटौती की सुगबुगाहट, ट्रंप की ट्रेड धमकी और डॉलर की कमजोरी, इन ट्रिगर्स से और भागेगा सोना?

अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल सवालों के घेरे में, CBI जांच में कई चौंकाने वाली बातें-रिपोर्ट में दावा
