खूब फटते थे किचन के कूकर, इस शख्स ने 35 साल पहले बना दिया सुपर सेफ, सब कहने लगे जो बीवी से करे प्यार…

रसोई में यूज होने वाला प्रेशर कूकर आज हर भारतीय घर की जरूरत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी यही कूकर देश की एक सबसे पुरानी कंपनी को बर्बादी के कगार पर ले आया था और उसी वक्त एक छोटे से छेद यानी होल ने न सिर्फ कंपनी को बचाया, बल्कि भारतीय किचन में सेफ्टी और ब्रांड दोनों की परिभाषा बदल दी. यह कहानी है टीटी जगन्नाथन की है.

टीटी जगन्नाथन

मान लीजिए आप किसी दुकान पर प्रेशर कूकर खरीदने गए और दूकानदार आपसे मुस्कुराते हुए पूछे- “आप अपनी बीवी से कितना प्यार करते हैं?” सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन 70 के दशक में यही सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय था. उस दौर में बीवी से प्यार और प्रेशर कूकर का खुमार दोनों अपने चरम पर थे. दरअसल, यह लाइन थी देश की सबसे भरोसेमंद प्रेशर कूकर कंपनी TTK प्रेस्टिज की मशहूर टैगलाइन, “जो बीवी से करे प्यार, वो प्रेस्टिज से कैसे करे इंकार”

यह टैगलाइन सिर्फ विज्ञापन नहीं थी, बल्कि एक भावनात्मक रिश्ता थी जिसने भारतीय किचन और ब्रांड के बीच गहरा जुड़ाव बनाया. लेकिन क्या आप जानते हैं, यही प्रेशर कूकर कभी कंपनी की सबसे बड़ी मुसीबत बन गया था? एक समय ऐसा भी आया जब Prestige दिवालिया होने के कगार पर थी. तब कंपनी के उस टाइम के युवा चेयरमैन टीटी जगन्नाथन ने एक ऐसा छोटा-सा इनोवेशन किया जिसने न सिर्फ कंपनी को बचाया, बल्कि भारतीय रसोई की सुरक्षा और ब्रांडिंग दोनों की परिभाषा बदल दी. TK प्रेस्टीज लिमिटेड के चेयरमैन रहे टीटी जगन्नाथन का निधन हो गया है. वे भारत के उन अग्रणी बिजनेसमैन में से एक थे, जिन्होंने इनोवेशन के माध्यम से देश के किचनवेयर उद्योग में क्रांति ला दी.

सुरक्षा से शुरू हुई ब्रांड की कहानी

साल 1970 के दशक में बेंगलुरु की TTK प्रेस्टिज कंपनी मुश्किल दौर में थी. उस समय उसके कई प्रेशर कूकर रसोई में फटने लगे थे, जिससे लोगों का भरोसा उठ गया. बिक्री गिरने लगी और कंपनी लगभग दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी. इसी संकट के बीच, कंपनी के चेयमैन रहे टीटी जगन्नाथन ने एक साधारण लेकिन क्रांतिकारी आइडिया दिया. कूकर के ढक्कन में एक छोटा छेद ड्रिल किया जाए, जिससे जरूरत से ज्यादा भाप निकल जाए और विस्फोट का खतरा खत्म हो जाए. यही इनोवेशन बाद में गैस्केट रिलीज सिस्टम (GRS) कहलाया. एक सुरक्षा फीचर जिसने प्रेशर कूकर को पूरी तरह बदल दिया और प्रेस्टिज को दोबारा खड़ा कर दिया. यही छोटा सा बदलाव कंपनी के लिए गेमचेंजर साबित हुआ.

सेफ्टी इनोवेशन जिसने बचाई कंपनी

‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, GRS सिस्टम के आने से प्रेस्टिज ने न सिर्फ अपनी खोई हुई साख वापस पाई, बल्कि किचन सेफ्टी का नया मानक भी तय किया. दिलचस्प बात यह है कि टीटी जगन्नाथन ने कभी इस इनोवेशन का पेटेंट नहीं कराया, क्योंकि उनका मानना था कि हर प्रेशर कूकर बनाने वाली कंपनी को यह सेफ्टी फीचर अपनाना चाहिए ताकि किसी भी परिवार की सुरक्षा से समझौता न हो.

किचन में समय बिताने वाला सीईओ

आईआईटी और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े टीटी जगन्नाथन को खाना बनाना खुद पसंद था. उन्होंने यह शौक सिर्फ 8 साल की उम्र में सीख लिया था. उनकी किताब Disrupt and Conquer: How TTK Prestige Became a Billion Dollar Company में उन्होंने लिखा कि, “अगर आप खुद खाना बनाना नहीं जानते, तो आप कुकिंग बिजनेस में नहीं हैं. उनका मानना था कि असली इनोवेशन वहीं से आता है, जहां समस्या महसूस की जाती है यानी रसोई में.

आज की प्रेस्टिज: हर किचन में भरोसे का नाम

30 जून 2025 तक TTK Prestige की रेवेन्यू 27,362 करोड़ रुपये तक रही. इस साल कंपनी ने 191 नए प्रोडक्ट वेरिएंट लॉन्च किए. आज प्रेस्टिज देशभर में करीब 700 स्टोर्स के साथ मौजूद है और प्रेशर कूकर मार्केट में 40 से 45 फीसदी मार्केट शेयर रखती है. जबकि हॉकिंस का मार्केट शेयर 25 से 30 फीसदी और मॉर्फी रिचर्ड्स का 10 से 15 फीसदी के बीच है.

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