मिस्त्री परिवार टाटा संस से निकासी पर क्या टाल रहा निजी बातचीत? TATA Sons IPO की क्यों है तरफदारी
टाटा ट्रस्ट के अलग-अलग ट्रस्टियों के बीच इनदिनों खींचतान चल रहा है. इन सब के बीच शुक्रवार को ट्रस्ट के बोर्ड की एक मीटिंग आयोजित की गई. इस मीटिंग में ट्रस्ट से जुड़े रोजमर्रा के मुद्दों पर चर्चा की गई. टाटा ट्रस्ट की यह बोर्ड मीटिंग बिना किसी विवाद के खत्म हुई. SP ग्रुप आर्थिक दबाव में है और अपने कर्ज को कम करना चाहता है. उसका मानना है कि टाटा सन्स की लिस्टिंग से टाटा ट्रस्ट्स को भी फायदा होगा.

TATA Sons IPO: क्या टाटा ग्रुप में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं है? टाटा ट्रस्ट के अलग-अलग ट्रस्टियों के बीच इन दिनों खींचतान चल रहा है. इन सब के बीच शुक्रवार को ट्रस्ट के बोर्ड की एक मीटिंग आयोजित की गई. इस मीटिंग में ट्रस्ट से जुड़े रोजमर्रा के मुद्दों पर चर्चा की गई. टाटा ट्रस्ट की यह बोर्ड मीटिंग बिना किसी विवाद के खत्म हुई. इस मीटिंग में दो गुटों नोएल टाटा और मेहली मिस्त्री के नेतृत्व वाले ने केवल आधिकारिक एजेंडे पर बात की. दरअसल, इस हफ्ते नोएल टाटा, टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई थी.
इसने ट्रस्ट के अंदर के तनाव को कम करने में मदद की. लेकिन उसी दिन बाद में एक नया मोड़ आया, जब टाटा सन्स में सबसे बड़ी माइनॉरिटी हिस्सेदारी रखने वाले शापूरजी पालोनजी (एसपी) ग्रुप ने एक प्रेस बयान जारी किया. इस बयान में उन्होंने टाटा सन्स को पब्लिक लिस्टिंग बनाने की अपनी पुरानी मांग को दोहराया. एसपी ग्रुप ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए यह मांग समय पर और जरूरी है.
टाटा सन्स की लिस्टिंग से टाटा ट्रस्ट्स को भी फायदा?
SP ग्रुप आर्थिक दबाव में है और अपने कर्ज को कम करना चाहता है. उसका मानना है कि टाटा सन्स की लिस्टिंग से टाटा ट्रस्ट्स को भी फायदा होगा. SP ग्रुप के पास टाटा सन्स में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि टाटा ट्रस्ट्स के पास करीब 66 फीसदी हिस्सेदारी है. दिलचस्प बात यह है कि 28 जुलाई, 2025 को टाटा ट्रस्ट्स ने एक प्रस्ताव पास करके चंद्रशेखरन का टाटा सन्स के चेयरमैन के रूप में कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.
उसी मीटिंग में ट्रस्टियों ने उनसे कहा था कि वे एसपी ग्रुप के टाटा सन्स से बाहर निकलने की प्रक्रिया को आसान बनाएं और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि टाटा सन्स एक निजी कंपनी बनी रहे. खबरों के मुताबिक, चंद्रशेखरन ने एसपी ग्रुप के चेयरमैन शापूर मिस्त्री के साथ इस निकास की शर्तों पर शुरुआती बातचीत शुरू की थी.
टाटा सन्स को लिस्ट करने की मांग
एसपी ग्रुप की टाटा सन्स को लिस्ट करने की नई मांग से लगता है कि वे अपनी हिस्सेदारी के लिए निजी तौर पर कोई समझौता नहीं करना चाहते. पिछली टाटा ट्रस्ट्स की बोर्ड मीटिंग में, ट्रस्टी विजय सिंह को टाटा सन्स के बोर्ड में फिर से नियुक्त करने पर मतभेद हो गए थे. मेहली मिस्त्री, डेरियस खंबाटा, जहांगीर एच.सी. जहांगीर और प्रमीत झवेरी ने सिंह की नियुक्ति का विरोध किया और मेहली मिस्त्री को नामांकित करने का प्रस्ताव रखा. नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने इसका विरोध किया. वोटिंग के बाद सिंह को अपनी जगह गंवानी पड़ी. इस मुद्दे पर काफी गर्मागरम बहस हुई, जिससे बोर्ड में फूट साफ दिखाई दी.
Latest Stories

मुकेश अंबानी से लेकर कुमार मंगलम तक, जानें कितना पढ़े-लिखे हैं देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन; कहां से सीखी बिजनेस की ABCD

निवेशकों के साथ अब नहीं होगा धोखा! SEBI और Google मिलकर ऐसे रोकेंगे फेक ब्रोकिंग ऐप्स का खेल

चीन पर नए अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रहे सतर्क, GTRI ने कहा- US ट्रेड डील में बरतें सावधानी
