सोने ने फिर बनाया रिकॉर्ड, चांदी भी ऑल टाइम हाई पर; जानें क्या है नई कीमत
मंगलवार, 9 सितंबर को भारतीय सर्राफा बाजार में सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए लंबी छलांग लगा दी है. इसी के साथ चांदी की कीमतें भी ऑल टाइम हाई पर पहंच गई है. इस साल अब तक सोना करीब 43 फीसदी महंगा हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना नई ऊंचाइयों पर है, जहां कमजोर डॉलर, ब्याज दर कटौती की उम्मीद और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग इसकी चमक को और बढ़ा रही है.
Gold Rate Today: भारतीय सर्राफा बाजार में मंगलवार, 9 सितंबर को सोने और चांदी दोनों ने नया इतिहास रच दिया. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोना 5,080 रुपये चढ़कर 1,12,750 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, चांदी भी 2,800 रुपये बढ़कर 1,28,800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, सोमवार को सोना 99.9 फीसदी शुद्धता वाला 1,07,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. लेकिन एक ही दिन में यह 5,080 रुपये महंगा हो गया. वर्तमान कैलेंडर वर्ष (2024) में अब तक सोना लगभग 33,800 रुपये प्रति 10 ग्राम यानी करीब 43 फीसदी महंगा हो चुका है. पिछले साल 31 दिसंबर को सोना 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था.
चांदी ने भी बनाया नया रिकॉर्ड
सोने के साथ-साथ चांदी की चमक भी बरकरार है. दिल्ली में चांदी की दर मंगलवार को 1,28,800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, जबकि सोमवार को यह 1,26,000 रुपये पर थी. वैश्विक स्तर पर भी सोना नए शिखर पर पहुंचा. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना USD 3,659.27 प्रति औंस तक पहुंच गया. बाद में यह हल्की गिरावट के साथ USD 3,652.72 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो कि अब भी 0.46 फीसदी या USD 16.81 की बढ़त दर्शाता है.
आखिर क्यों चमक रहा सोना?
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की लगातार बढ़त कई बड़े कारणों से हो रही है. अमेरिका के कमजोर लेबर मार्केट डेटा उनमें से एक है. हाल ही में जारी आंकड़ों ने संकेत दिया कि अमेरिका में रोजगार की स्थिति कमजोर है. इससे फेडरल रिजर्व (US Fed) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और मजबूत हो गई. इससे इतर रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है. ऐसे माहौल में निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं.
डॉलर की कमजोरी भी सोने की बढ़ती कीमत का अहम कारण हो सकता है. डॉलर इंडेक्स मंगलवार को 97.29 पर आ गया, जो 0.17 फीसदी की गिरावट है. डॉलर की कमजोरी से सोने की कीमत और बढ़ जाती है. आखिर में एक कारण सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी भी हो सकती है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने भंडार को डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड से हटाकर सोने में निवेश कर रहे हैं.
क्या है विशेषज्ञों की राय?
HDFC सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक, सौमिल गांधी के मुताबिक, “सोने की मांग लगातार बनी हुई है. केंद्रीय बैंकों की खरीद, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स में पैसा आने और ब्याज दरों में कटौती की अटकलों ने कीमती धातुओं में रिकॉर्ड तोड़ तेजी लाई है.” वहीं, ट्रेडेजिनी के सीईओ त्रिवेश डी के अनुसार, “यह सिर्फ फेड की नीतियों का असर नहीं है, बल्कि एक परफेक्ट स्टॉर्म है. अमेरिका में अगले तीन महीनों में दो से तीन बार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है, जिससे वास्तविक यील्ड घटेगी और सोने की मांग और बढ़ेगी.”
वहीं, कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला का कहना है कि “इस हफ्ते आने वाले अमेरिका के महंगाई के आंकड़ों पर सबकी नजर होगी. इससे चौथी तिमाही में दर कटौती की गति का संकेत मिलेगा, हालांकि सितंबर में कटौती की उम्मीद पहले से ही बनी हुई है.”
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