सोने-चांदी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड्स, गोल्ड ₹1685 और सिल्वर ₹10400 महंगा; रैली के बाद जानें नया भाव
सोमवार को कीमती धातुओं की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला. दिल्ली में सोना 1,38,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 2,14,500 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. वैश्विक अनिश्चितता, घटती ब्याज दरें और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग से बुलियन मार्केट में तेजी बनी हुई है.
Gold and Silver Price Today: सोमवार, 22 दिसंबर को कीमती धातुओं के बाजार में एक बार फिर से तेजी देखने को मिली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने के दाम ने नया इतिहास रचते हुए 1,38,200 रुपये प्रति 10 ग्राम तक का स्तर छू लिया, जो पिछले भाव से 1,685 रुपये ज्यादा है. वहीं, चांदी के दाम भी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2,14,500 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स शामिल) हो गए, जो पिछले भाव से 10,400 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़त को दर्शाता है. यह जानकारी ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन (AISA) ने साझा की है.
बुलियन मार्केट में जारी तेजी का कारण
HDFC Securities के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी के अनुसार, “सोना और चांदी दोनों ही Bullion Market में लगातार मजबूती दिखा रहे हैं. सोमवार को यह दोनों धातुएं नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गईं.” उनके अनुसार, निवेशकों की बढ़ती रुचि का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम होती ब्याज दरें, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता और वित्तीय चिंताएं हैं. साथ ही, ग्लोबल जियोपॉलिटिकल टेंशन ने भी निवेशकों को सोने और चांदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर आकर्षित किया है. निवेशक अब जोखिम भरे बाजार से दूर रहकर ऐसी संपत्तियों में निवेश करना पसंद कर रहे हैं, जिन्हें आमतौर पर Safe-Haven Asset कहा जाता है.
ग्लोबल मार्केट में भी रिकॉर्ड स्तर
सोने और चांदी की घरेलू तेजी का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी देखने को मिला. स्पॉट गोल्ड का भाव USD 4,420.35 प्रति आउंस तक पहुंच गया, जो 1.86 फीसदी की बढ़त है. वहीं, स्पॉट सिल्वर का भाव USD 69.45 प्रति आउंस तक बढ़ गया, जो 3.44 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है. विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कमी और डॉलर की कमजोरी निवेशकों को चांदी और सोने की ओर खींच रही है. इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता ने भी इन धातुओं की मांग को और मजबूत किया है.
चांदी की आपूर्ति और मांग
Kotak Mutual Fund के फंड मैनेजर सतीश डोंडापाटी ने कहा, “चांदी की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड और बढ़ती निवेश मांग है.” Augmont की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने बताया कि “खनन में रुकावटें और मौजूदा चांदी भंडार की सीमितता ने आपूर्ति पर दबाव डाला है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जियो पॉलिटिकल टेंशन और डॉलर की कमजोरी भविष्य में निवेशकों को चांदी में आकर्षित रख सकती है.” इसका मतलब है कि सोना और चांदी केवल निवेश के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षित निवेश के तौर पर भी लोकप्रिय बने हुए हैं.
ये भी पढ़ें- UPI की तेजी ने बदली तस्वीर, IMPS और कार्ड पेमेंट की रफ्तार थमी, QR कोड सब पर भारी