Cipla ने भारत में लॉन्च की इनहेलेबल इंसुलिन, डायबिटीज मरीजों को मिलेगी इंजेक्शन से राहत, जानें कैसे करेगी काम

Cipla ने भारत में डायबिटीज मरीजों के लिए इनहेलेबल इंसुलिन Afrezza लॉन्च की है. यह रैपिड-एक्टिंग, सुई-मुक्त इंसुलिन इंजेक्शन का आसान विकल्प है. CDSCO से मंजूरी के बाद इसके लॉन्च से देश के करीब 10 करोड़ डायबिटीज मरीजों को फायदा मिलने की उम्मीद है. आइये जानते है कि यह इंसुलिन कैसे काम करेगी.

इंसुलिन Image Credit: canva

दवा कंपनी Cipla ने भारत में डायबिटीज के इलाज के लिए एक अहम कदम उठाते हुए मुंह से ली जाने वाली (इनहेलेबल) इंसुलिन पाउडर को लॉन्च करने की घोषणा की है. कंपनी ने सोमवार को बताया कि उसने देश में Afrezza नाम के इस रैपिड-एक्टिंग ओरली इनहेल्ड इंसुलिन को पेश किया है जो पारंपरिक इंजेक्शन आधारित इंसुलिन थेरेपी का सुई-मुक्त और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करता है. सिप्ला का यह कदम भारत में डायबिटीज के इलाज के तरीकों को और आधुनिक बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

डायबिटीज के मरीजों की जीवनशैली बन सकती है आसान

कंपनी के मुताबिक, Afrezza के एक्सक्लूसिव डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग के लिए उसे पिछले साल के अंत में Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) से नियामकीय मंजूरी मिल चुकी थी. अब इसके लॉन्च के साथ ही भारत में डायबिटीज के इलाज में एक नया विकल्प उपलब्ध हो गया है.

Cipla ने कहा कि भारत में इस प्रोडक्ट की शुरुआत से देश में डायबिटीज से जूझ रहे करीब 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है. डायबिटीज के मरीजों के लिए रोजाना इंसुलिन इंजेक्शन लेना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण होता है ऐसे में इनहेलेबल इंसुलिन मरीजों की जीवनशैली को आसान बना सकता है.

कैसे काम करता है इनहेलेबल इंसुलिन

Afrezza में मौजूद इंसुलिन इनहेलेशन पाउडर सिंगल-यूज कार्ट्रिज में उपलब्ध होता है, जिसे एक खास इनहेलर डिवाइस के जरिए लिया जाता है. इसकी प्रक्रिया बेहद सरल है. मरीज को पहले डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक के अनुसार कार्ट्रिज चुननी होती है, उसे इनहेलर में लगाना होता है और फिर डिवाइस से इंसुलिन को सांस के जरिए शरीर में लेना होता है. उपयोग के बाद कार्ट्रिज को हटा दिया जाता है.

आमतौर पर इस इंसुलिन को दिन के सबसे बड़े भोजन के साथ शुरू किया जाता है और जरूरत के मुताबिक इसकी खुराक को आगे बढ़ाया जा सकता है. यह तेजी से असर करने वाली इंसुलिन है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

कंपनी का क्या कहना है

Cipla के ग्लोबल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अचिन गुप्ता ने कहा कि यह इनोवेशन न केवल इंसुलिन डिलीवरी को आसान बनाता है, बल्कि उन भावनात्मक और व्यावहारिक परेशानियों को भी कम करता है, जिनका सामना मरीजों को रोजाना इंजेक्शन लेते समय करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह कदम डायबिटीज के मरीजों की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.

कंपनी के शेयरों का हाल

शेयर बाजार में सोमवार को Cipla का शेयर ₹1,512.50 पर बंद हुआ, जो पिछले सत्र के मुकाबले 0.30% की मामूली गिरावट दर्शाता है. कंपनी का 52 हफ्तों का हाई ₹1,672.20 और लो ₹1,310.05 रहा है. सिप्ला का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब ₹1.22 लाख करोड़ के आसपास है.

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