चीन के कितना भी करीब चला जाए बांग्लादेश, भारत के बिना नहीं चलेगा काम; ठप हो जाएंगी फैक्ट्रियां… खाने के पड़ जाएंगे लाले!

India-Bangladesh Trade Tension: बांग्लादेश अपने टेक्सटाइल उद्योग को चलाने के लिए भारत पर काफी हद तक निर्भर है. अगर आंकड़ों को देखें, जो साफ बयां करते हैं कि भारत बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग में कितना बड़ा प्लेयर है. तनाव बढ़ता है, तो बांग्लादेश के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता. Image Credit: Freepik

India-Bangladesh Trade Tension: भारत और बांग्लादेश के बीच ट्रेड टेंशन बढ़ गया है. हाल ही में भारत सरकार ने बांग्लादेश से लैंड पोर्ट के जरिए आयात को प्रतिबंधित किया है. बांग्लादेश ने भारत से चीन की ओर एक तेज आर्थिक मोड़ शुरू कर दिया है, जिससे भारत के साथ व्यापार संबंधों में तनाव पैदा हो रहा है. भारत और दक्षिण एशिया में सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के बीच राजनीतिक और आर्थिक तनाव बढ़ रहा है. हालांकि, अगर आंकड़ों को देखें, जो साफ बयां करते हैं कि भारत बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग में कितना बड़ा प्लेयर है.

बांग्लादेशी बाजार में हावी हैं चीनी सामान

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में बांग्लादेश द्वारा इंपोर्ट की गई कुल वस्तुओं में से एक चौथाई चीन से आया था. जबकि छह साल पहले यह 20 फीसदी से थोड़ा अधिक था. हालांकि, बांग्लादेश के सामानों के आयात के मामले में चीन भारत से पीछे है, लेकिन पूर्वी एशियाई राष्ट्र से आने वाली वस्तुएं बांग्लादेश के स्थानीय बाजार पर हावी हैं.

भारत पर बांग्लादेश की निर्भरता

पिछले पांच वर्षों में बांग्लादेश के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी घटी है. 2023-24 में बांग्लादेश के निर्यात में चीन की हिस्सेदारी 1.6 फीसदी थी, जो महामारी (2018-19) से पहले 2.1 फीसदी थी. इसके विपरीत, इस अवधि के दौरान भारत की हिस्सेदारी 3.1 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी हो गई है.

छह साल पहले की तुलना में बांग्लादेश के आयात में कम हिस्सेदारी के बावजूद, उसकी भारत से कपास पर निर्भरता बढ़ गई है. 2023-24 में, बांग्लादेश को भारत के 9 अरब डॉलर के निर्यात में 26 फीसदी कपास था, जबकि एक साल पहले यह 20.2 फीसदी था.

कपास आयात का हिस्सा

इस अवधि के दौरान बांग्लादेश के कुल कपास आयात में भारत का हिस्सा 30 फीसदी रहा, जो 2018-19 में 23 फीसदी था. भारत के व्यापार पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि टैक्सटाइल, क्लॉथ और परिधान अभी भी बांग्लादेश से निर्यात में हावी हैं. भारत द्वारा बांग्लादेश के उत्पादों के आयात में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी 2018-19 में 57 फीसदी की तुलना में 56 फीसदी थी.

भारत ने 2023-24 में बांग्लादेश से 1.8 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो एक दशक पहले 2.01 अरब डॉलर से कम है. पिछले हफ्ते, सरकार ने पड़ोसी देश से आयात पर नए प्रतिबंध लगाए, जिससे व्यापार का 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा प्रभावित हुआ.

ठप हो सकती हैं फैक्ट्रियां

इन आंकड़ों को देखें, तो बांग्लादेश अपने टेक्सटाइल उद्योग को चलाने के लिए भारत पर काफी हद तक निर्भर है. क्योंकि वो भारत से कॉटन आयात तो कर ही रहा है. भारत बांग्लादेश में बने कपड़े का बड़े पैमाने पर इंपोर्ट करता है. अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते और बिगड़ते हैं, तो बांग्लादेश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वहां की टेक्सटाइल उद्योग को रॉ मैटेरियल के लिए परेशानी झेलनी पड़ सकती है, जिससे फैक्ट्रियां ठप हो सकती हैं और मजदूरों के लिए जीविका का भी संकट खड़ा हो सकता है.

सरकार के नोटिफिकेशन ने रेडीमेड गारमेंट जैसे विशिष्ट सामानों तक जमीनी पहुंच को सीमित कर दिया, जिन्हें केवल दो समुद्री बंदरगाहों के जरिए आयात किया जा सकता है. बांग्लादेश के अंतरिम सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा भारत के पूर्वोत्तर को एक लैंडलॉक्ड क्षेत्र कहे जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है.

चीन की रणनीति

जानकारों का कहना है कि यह बांग्लादेश से भारत के प्रभाव को सीमित करने की चीन की व्यापक रणनीति के अनुरूप है. क्योंकि भारत ने चीन के नेतृत्व वाले रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. भारत अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) क्षेत्र के साथ घनिष्ठ आर्थिक एकीकरण करके खुद को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित कर रहा है.