इस वेडिंग प्लानर ने शादियों में चुपके से खर्च कर दिए 7500 करोड़, जयपुर से लेकर हैदराबाद तक हुआ खेल
देश में वेडिंग प्लानर का कारोबार एक इंडस्ट्री के रूप में ऊभर रहा है. लोग इनके जरिए भव्य शादियों का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. खर्च को देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने ऐसी शादियों पर नजर जमा दी है.

भारत में होने वाली भव्य शादियों के खर्च पर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की नजर है. शादियों पर लोग करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं और इस स्पेशल दिन को भव्य बना रहे हैं. शादियों को भव्य बनाने के लिए वेडिंग प्लानर (Wedding Planners) की मदद ली जा रही है और इसके लिए वो मोटी फीस वसूल रहे हैं. एक तरह से देश में वेडिंग प्लानर एक इंडस्ट्री के रूप में ऊभर रहा है. इसलिए शादियों में बढ़ते खर्च पर अब आयकर विभाग की नजर पड़ गई है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर में करीब 20 टॉप वेडिंग प्लानर्स पर टैक्स से जुड़े छापे चल रहे हैं. संदेह है कि पिछले एक साल में भव्य विवाह समारोहों के आयोजन पर करीब 7500 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी उड़ाई गई है.
वेडिंग प्लानर नकली बिल बनाने वाले म्यूल अकाउंट, हवाला एजेंट और संदिग्ध एंट्री ऑपरेटर अक्सर हैदराबाद और बैंगलोर के पार्टनर्स के साथ मिलकर एक ऐसा धंधा कर रहे हैं, जो अमीर भारतीयों के शानदार शादियों के जुनून पर फलता-फूल रहा है.
कई दिनों तक जारी रह सकती है रेड
इस सप्ताह शुरू हुई तलाशी अभियान कुछ दिनों तक जारी रही सकती है. इसमें वेडिंग प्लानर्स के साथ नकद लेनदेन पर फोकस किया जाएगा, जो खर्च की गई राशि का 50-60 फीसदी तक हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि यह जल्द ही विदेशी डेस्टिनेशन वाली शादियों में पैसे के लेन-देन की जांच तक पहुंचेगा, जहां मेहमानों और सेलिब्रेटी को विदेशी स्थानों पर ले जाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक की जाती हैं.
खर्च किए गए पैसे का रिकॉर्ड
ईटी ने अपनी खबर में एक्सपर्ट के हवाले से लिखा कि इनकम टैक्स विभाग आधिकारिक तौर पर खर्च की गई राशि की तुलना मेहमानों की संख्या और आयोजन की भव्यता से करेगा. कैटरिंग फर्मों से भी पूछताछ की जा रही है. इनकम टैक्स अधिनियम के तहत विभाग को बिना रिकॉर्ड वाले खर्च की पुष्टि करने का पूरा अधिकार है. लोग कई बार ऐसी बड़ी शादियों में खर्च की गई राशि का रिकॉर्ड नहीं रखते हैं. उन्हें शायद ही कभी एहसास होता है कि टैक्स और फॉरेन एक्सचेंज का उल्लंघन हो सकता है. विदेश में होने वाली ऐसी डेस्टिनेशन वेडिंग प्रवर्तन निदेशालय का ध्यान भी खींच सकती हैं.
कौन है सरगना?
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक के निष्कर्षों से पता चलता है कि जयपुर के प्लानर ही सरगना हैं और दूसरे शहरों के प्लानर उनसे इवेंट आयोजित कराने के लिए संपर्क करते हैं. एक इनकम टैक्स अधिकारी के अनुसार, अब तक पहचाने गए तौर-तरीकों से पता चलता है कि लग्जरी वेडिंग क्लाइंट अपने-अपने स्थानों पर हाई-प्रोफाइल इवेंट प्लानर्स से संपर्क करते हैं, जो बदले में राजस्थान के इवेंट प्लानर्स से संपर्क करते हैं. वे लग्जरी होटल, टेंट हाउस, कैटरर्स, फ्लोरिस्ट और सेलिब्रिटी मैनेजर्स के साथ तालमेल बनाकर वेडिंग की प्लानिंग करते हैं.
पेमेंट को वैध बनाने का तरीका
चूंकि वेडिंग प्लानर सभी खर्च कैश में नहीं कर पाते हैं, इसलिए थर्ड पार्टी के ऑपरेटरों का इस्तेमाल पेमेंट को वैध बनाने के लिए किया जाता है, जिसका भुगतान चेक और बैंकिंग चैनलों के जरिए जाना होता है. मौजूदा जांच के शुरुआती सुराग ऐसे लेनदेन के कुछ फर्जी बिल से प्राप्त हुए थे. ये ऑपरेटर होटलों और कैटरर्स के साथ नकद भुगतान के बदले बिल बनाते हैं.
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