कैश से डिजिटल पेमेंट्स की ओर भारत, UPI के दौर में घट रहे ATM, जानें FY25 की RBI रिपोर्ट की बड़ी बातें
RBI की FY25 रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल पेमेंट्स बढ़ने से देश में ATM की संख्या घटी है. निजी और सरकारी बैंकों ने ऑफसाइट ATM बंद किए, जबकि बैंक शाखाओं और व्हाइट लेबल ATM की संख्या बढ़ी. ग्रामीण इलाकों में PSB की मौजूदगी मजबूत हुई है
डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते चलन का असर बैंकिंग ढांचे पर साफ दिखने लगा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया 2024-25’ रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में देश में एटीएम (ATM) की संख्या में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. RBI का कहना है कि डिजिटल लेनदेन के विस्तार के चलते ग्राहकों की एटीएम पर निर्भरता कम हुई है.
कितने कम हुए ATM
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक देश में कुल एटीएम की संख्या घटकर 2,51,057 रह गई, जबकि एक साल पहले यह 2,53,417 थी. इस गिरावट में सबसे बड़ा योगदान निजी क्षेत्र के बैंकों की रणनीति का रहा जिन्होंने ऑफसाइट एटीएम बंद किए. निजी बैंकों के एटीएम की संख्या घटकर 77,117 रह गई जो पिछले साल 79,884 थी. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के एटीएम भी घटकर 1,33,544 रह गए, जो एक साल पहले 1,34,694 थे.
व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या बढ़ी
RBI ने स्पष्ट किया कि डिजिटल भुगतान के बढ़ते उपयोग ने नकद निकासी और एटीएम लेनदेन की जरूरत को कम कर दिया है. हालांकि, इसी अवधि में व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या बढ़ी है. ये एटीएम 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 36,216 हो गए, जबकि एक साल पहले इनकी संख्या 34,602 थी.
एटीएम नेटवर्क के भौगोलिक वितरण की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और महानगरीय क्षेत्रों में लगभग समान रूप से फैले हुए हैं. इसके उलट, निजी और विदेशी बैंकों के एटीएम मुख्य रूप से शहरी और महानगरीय इलाकों में केंद्रित हैं.
बैंक शाखाओं की संख्या में इजाफा
हालांकि एटीएम की संख्या घटी है, लेकिन बैंक शाखाओं की संख्या में इजाफा जारी है. RBI रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक देश में कुल 1.64 लाख बैंक शाखाएं थीं, जो सालाना आधार पर 2.8% की बढ़ोतरी दर्शाता है. इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक नई शाखाएं खोलने में ज्यादा एग्रेसिव रहे. FY25 में नई शाखाओं में निजी बैंकों की हिस्सेदारी घटकर 51.8% रह गई, जबकि एक साल पहले यह 67.3% थी.
RBI ने बताया कि PSB द्वारा खोली गई दो-तिहाई से अधिक नई शाखाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि निजी बैंकों के लिए यह हिस्सा सिर्फ 37.5% रहा।
BSBDA की संख्या बढ़ी
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) की संख्या 2.6% बढ़कर 72.4 करोड़ हो गई, जबकि इनमें जमा कुल राशि 9.5% बढ़कर ₹3.3 लाख करोड़ पहुंच गई. इनमें से ज्यादातर खाते बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट मॉडल के जरिए संचालित हो रहे हैं, जो जमीनी स्तर पर इसकी प्रभावशीलता को दिखाता है.
डिपॉजिट इंश्योरेंस के मोर्चे पर RBI ने बताया कि खातों की संख्या के हिसाब से 97.6% खाते बीमाकृत हैं, लेकिन जमा राशि के आधार पर कवरेज घटकर 41.5% रह गया है, जो एक साल पहले 43.1% था.