भारत-अमेरिका में टैरिफ होगी सुलह! वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बोले-ट्रेड डील पर सक्रियता से हो रही बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत तेज हो गई है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत “विन-विन” पार्टनरशिप पर जोर दे रहा है. उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर लगातार बातचीत हो रही है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल. Image Credit: Tv9 Network

India-USA Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ प्लान और एक के बाद एक भारत को लेकर दिए गए भड़काऊ बयानों की वजह से भारत और अमेरिका के बीच आई तल्खी अब कम हो रही है. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) को लेकर बातचीत तेज हो गई है.

ओमान के साथ व्यापार समझौता

इसके साथ ही पीयूष गोयल ने बताया कि भारत और ओमान के बीच व्यापार समझौता कुछ हफ्तों में तय हो सकता है. यह समझौता व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाएगा. ओमान के साथ समझौता भारत की ऊर्जा और समुद्री व्यापार रणनीति के लिए अहम माना जा रहा है.

कतर के साथ मुक्त व्यापार समझौता

उन्होंने बताया कि भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की शर्तों पर करत के साथ भी बात कर रहा है. इस समझौते की शर्तों को अक्टूबर की शुरुआत में अंतिम रूप दिया जाएगा. इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार आसान होगा. ऊर्जा, निवेश और सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा. इससे भारत को खाड़ी क्षेत्र में रणनीतिक लाभ मिलेगा.

विन-विन समझौते पर जोर

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत उन देशों के साथ व्यापार करना चाहता है जहां दोनों पक्षों को बराबर लाभ मिले. भारत किसी एकतरफा लाभ वाले समझौते में शामिल नहीं होगा. किसी भी देश के साथ व्यापार समझौते का मकसद स्थायी, टिकाऊ और आपसी भरोसे पर आधारित साझेदारी बनाना है.

ट्रंप का बयान और अमेरिका का रुख

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दोनों देश व्यापार वार्ता में लगे हैं और उन्हें विश्वास है कि इसका समाधान निकलेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत की इच्छा जताई. ट्रंप ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा.

प्रधानमंत्री मोदी का जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका “सहज साझेदार” हैं. व्यापार वार्ता से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे. मोदी ने कहा कि यह सहयोग आर्थिक और रणनीतिक नजरिये से अहम है.

रूस से कच्चे तेल की खरीद

हाल ही में अमेरिका ने भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसके बावजूद भारत ने साफ कहा है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा. भारत का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखना है. यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का संकेत है.