India-US Trade Deal: 9 जुलाई से पहले ही समझौता संभव, एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल पर फंसा मामला

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत आखिरी चरण में पहुंच चुकी है. यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देश 9 जुलाई से पहले ही एक अंतरिम समझौता कर सकते हैं. हालांकि, एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर टैरिफ को लेकर मामला फंसा हुआ है.

भारत अमेरिका में टैरिफ समझौते की उम्मीद बढ़ी Image Credit: Getty Images/Canva

India-US Trade Deal को लेकर अब भी उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच 9 जुलाई से पहले अंतरिम समझौता हो सकता है. हालांकि, इस बीच समझौते के लिए वाशिंगटन गई टीम 6 दिन के बाद भारत लौट आई है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच यह समझौता सिर्फ एग्रीकल्चर और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर टैरिफ को लेकर अटका है.

अमेरिका जहां चाहता है कि उसके कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए भारत अपना बाजार खोले. जबकि, भारत इस सेक्टर को किसी कीमत विदेशी कंपनियों के लिए नहीं खोलना चाहता है. इसके अलावा भारत ने अमेरिका की तरफ से ऑटोमाबाइल सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया है. बहरहाल, इस सबके बीच दोनों देशों ने फिर से इस बात पर सहमति जताई है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है.

भारत लौटी समझौता करने गई टीम

ट्रेड डील के लिए अमेरिका गई भारतीय टीम का नेतृत्व राजेश अग्रवाल ने किया. वे वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव हैं. अब यह टीम भारत लौट आई है. इस टीम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बातचीत अंतिम चरण में है. इसके नजीतों का ऐलान 9 जुलाई से पहले होने की उम्मीद है.

ऑटो टैरिफ पर WTO में उठाया मुद्दा

अमेरिका के साथ द्विपक्षीय बातचीत के साथ ही भारत ने ऑटो सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ के मामले को WTO में भी उठाया है. भारत ने WTO की सेफगार्ड कमिटी के सामने यह मामला उठाते हुए कहा है कि अमेरिका अगर भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर पर 25 फीसदी टैरिफ लगाता है, तो भारत भी इसके बदले अमेरिका से आने वाले स्टील और एलुमिनियम जैसे चुनिंदा उत्पादों पर रिटैलिएटरी टैरिफ लगा सकता है. अमेरिका ने पिछले वर्ष दुनियाभर से 89 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स का आयात किया. इनमें मैक्सिको का योगदान 36 अरब डॉलर, चीन का 10.1 अरब डॉलर और भारत का 2.2 अरब डॉलर था.

व्यापार वार्ता कहां पहुंची

दोनों देश टैरिफ पर अंतरिम समझौते के साथ ही एक व्यापक व्यापार समझौते पर बात कर रहे हैं. अब तक दोनों देशों के बीच इस व्यापार समझौते के पहले चरण को लेकर बातचीत चल रही है. यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल सितंबर-अक्टूबर में इस समझौते के पहले चरण को लागू किया जा सकता है.