ट्रंप का बड़ा बयान, बोले-भारत ने अमेरिका को दिया जीरो टैरिफ ट्रेड डील का ऑफर
भारत अमेरिका के साथ ऐसा व्यापार समझौता करना चाहता है जिसमें दोनों देशों के सामानों पर कम टैक्स लगे, लेकिन भारत को उम्मीद है कि अमेरिका भी उसी तरह छूट देगा ताकि भारतीय सामान भी अमेरिका में आसानी से बिक सकें.
India-US Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है कि भारत ने अमेरिका को जीरो टैरिफ ट्रेड डील का ऑफर दिया है. अरब देशों के अपने दौरे के दौरान दोहा में उन्होंने यह बात कही. ट्रंप इससे पहले भी 30 अप्रैल को कह चुके हैं कि भारत के साथ अमेरिका की ट्रेड डील पर बात बहुत अच्छी चल रही है. अमेरिका द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया था जिसे बाद में सस्पेंड कर दिया गया था, उसकी मियाद 9 जुलाई को खत्म हो रही है. इससे पहले दोनों देशों का प्रयास है कि ट्रेड डील पर समझौता हो जाए. दोहा में ही पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये भी बताया कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से भारत में ऐप्पल फोन का निर्माण ना करने को कहा है.
भारत ने खारिज किया दावा
CNN-News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा दावे का खंडन किया है, भारतीय सूत्रों ने बताया है कि ट्रेड डील को लेकर अभी कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है.
क्या है इस डील में?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका से आने वाली 60 फीसदी चीजों पर कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लेने का प्रस्ताव दिया है. मतलब ये सामान भारत में सस्ते दाम पर आ सकेंगे. वहीं लगभग 90 फीसदी अमेरिकी चीजों को भारत में जल्दी और आसानी से बेचने की मंजूरी दी जाएगी, ताकि उनका व्यापार और बढ़ सके. इसके अलावा अभी दोनों देशों के बीच औसतन 13 फीसदी टैक्स का फर्क है, जिसे घटाकर सिर्फ 4 फीसदी किया जाएगा. यानी दोनों देशों के सामानों पर कम टैक्स लगेगा. इसके बदले में भारत चाहता है कि अमेरिका उसके सामानों पर कोई नया टैक्स ना लगाए और अगर पहले से कोई टैक्स है तो उसे भी हटा दे.
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9 जुलाई को खत्म हो रही है डेडलाइन
दूसरी बार अमेरिका की कमान संभालने के बाद ट्रंप ने दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने की घोषणा की थी. हालांकि कुछ दिनों बाद चीन के साथ चल रही ट्रेड वार के चलते इसे कुछ महीनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया. यह डेडलाइन 9 जुलाई को खत्म हो रही है. इससे पहले भारत चाहता है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील हो जाए.