भारतीय नर्सों का दुनिया में डंका, मिल रही है 7-10 गुना ज्‍यादा सैलरी, आस्‍ट्रेलिया, जर्मनी समेत इन देशों में ज्‍यादा डिमांड

विदेशों में भारतीय नर्सों की डिमांड पिछले कुछ वर्षों से बढ़ी है. वहां न सिर्फ उनकी सैलरी ज्‍यादा है, बल्कि दूसरी कई सुविधाएं भी दी जा रही है. इसके अलावा वहां भारतीय नर्सों को वर्क लाइफ बैलेंस करने में आसानी हो रही है. यही वजह है कि भारत के मुकाबले यहां की नर्सें विदेशों में नौकरी करना ज्‍यादा पसंद कर रही हैं. तो दूसरे देशों में क्‍या है नर्सों की सैलरी का स्‍ट्रक्‍चर यहां देखें डिटेल.

विदेशों में बढ़ी भारतीय नर्सों की डिमांड Image Credit: money9

Indian Nurse income in foreign: केरल की रहने वाली निशा ने बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल करने के साथ ही उन्‍होंने जर्मनी के एक नर्सिंग होम में जॉब पक्की कर ली है. वहां उनकी शुरुआती सैलरी ही 2700 यूरो यानी करीब 2.6 लाख रुपये महीना होगी. जबकि लाइसेंस मिलते ही ये बढ़कर 3300 यूरो यानी 3.2 लाख रुपये हो जाएगी. इसके अलावा उन्‍हें कई और तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी. जबकि भारत में अगर वो किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्स की नौकरी करती तो उनकी सैलरी महज 20,000 से 40,000 रुपये महीना होती. अगर सरकारी नौकरी मिल जाती तब भी वो ज्‍यादा से ज्‍यादा 80,000 रुपये महीना ही पाती, जो कि जर्मनी के मुकाबले काफी कम होती. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय नर्स विदेशों में नौकरी की तलाश में ज्‍यादा जा रही हैं. तो अलग-अलग देशों में नर्सों की सैलरी का क्‍या है स्‍ट्रक्‍चर और भारत के मुकाबले वहां उन्‍हें और क्‍या सुविधाएं मिल रही है, आइए समझते हैं.

ज्यादा पैसे, बेहतर जिंदगी

विदेश में नर्सिंग जॉब्स भारतीयों के लिए सिर्फ पैसों की बात नहीं है. बल्कि वहां उन्‍हें जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने का मौका भी मिलता है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुकाबले विदेशों में नर्सों को करीब 7-10 गुना ज्यादा सैलरी मिलती है. साथ ही पर्चेजिंग पावर पैरिटी (PPP) के हिसाब से ये 3-5 गुना ज्यादा वैल्यू देती है. इंडस्‍ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि विदेशों में नर्सों को बेहतर वर्कप्लेस, मैनेजेबल पेशेंट-नर्स रेशियो, रेगुलेटेड वर्किंग आवर्स और प्रोफेशन के लिए सम्मान मिलता है. इससे उन्‍हें जॉब सैटिस्फैक्शन मिलता है. साथ ही वर्क-लाइफ बैलेंस दोनों बेहतर होते हैं.

किस देश में मिल रही सबसे ज्‍यादा सैलरी?

स्थानसालाना सैलरी (प्रति वर्ष)
आस्‍ट्रेलिया32.7 लाख से 65.4 लाख रुपये
कनाडा30.5 लाख से 61 लाख रुपये
यूके27.4 लाख से 51 लाख रुपये
भारत 1.2 से 6 लाख रुपये
सैलरी में अंतर भारत से 7-10 गुना ज्यादा

विदेशों में भारतीय नर्सों की बढ़ती डिमांड

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल करीब 70,000-1,00,000 भारतीय नर्स विदेशों में नौकरी के लिए गई हैं और इस साल ये डिमांड 15-30% और बढ़ने वाली है. भारतीय नर्सों की हायरिंग करने में जर्मनी, इटली, जापान जैसे देश सबसे आगे हैं. इसके अलावा यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और खाड़ी देश जैसे सऊदी अरब, यूएई, कतर भी जमकर भारतीय नर्सों को नौकरी पर रख रहे हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ट्रेंड आने वाले कई सालों तक जारी रहेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2030 तक दुनिया में 45 लाख नर्सिंग प्रोफेशनल्स की कमी होगी, और भारत इस गैप को भरने में अहम रोल अदा कर रहा है.

विदेश की राह हुई आसान

विदेशों में भारतीय नर्सों के जाने का एक बड़ा कारण नियमों का आसान होना भी है. दरअसल कई देशों ने भारतीय नर्सों के लिए नियम आसान कर दिए हैं. जर्मनी ने स्किल्ड वर्कर वीजा की लिमिट 20,000 से बढ़ाकर 90,000 कर दी है. वहीं जापान ने वीजा प्रोसेस को आसान किया और वहां सैलरी भारत से 8-10 गुना ज्यादा है. इटली अगले कुछ सालों में 10,000 भारतीय नर्सों को हायर करना चाहता है. जबकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा ने भी वीजा नियमों को सरल बनाया है. आयरलैंड ने भी 2024 में 12,000 हेल्थकेयर वर्क परमिट दिए, जिनमें बड़ा हिस्सा भारतीयों को मिला. कुछ देश तो नर्सों को परमानेंट रेजिडेंसी या सिटिजनशिप तक ऑफर कर रहे हैं. यही वजह है कि भारतीय विदेशों की ओर नर्स की नौकरी का रुख कर रहे हैं.

बड़े खिलाड़ी भी मैदान में

पहले नर्सिंग सेक्टर ज्यादातर असंगठित था, लेकिन अब बड़ी कंपनियां भी इसमें शामिल हो गई है. यही वजह है कि बॉर्डरप्लस, क्वेस, रैंडस्टैड जैसी कंपनियां भारतीय नर्सों को विदेश में जॉब दिलाने में जुट गई हैं. ग्लोबल एक्सेस टू टैलेंट फ्रॉम इंडिया (GATI) जैसी पहल भी शुरू की गई है, जो हर साल 5 लाख भारतीय नर्सों को विदेश भेजने की कोशिश में है.

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क्यों हैं भारतीय नर्स इतनी खास?

भारतीय नर्सों की मेहनत, मरीजों के प्रति सहानुभूति और बीएससी लेवल की ट्रेनिंग उन्हें खास बनाती है. जानकारों के मुताबिक भारतीय नर्सों की डिमांड हर महीने 20-30% बढ़ रही है. अगले एक साल में ये दोगुनी हो सकती है. ऐसे में विदेशों में भारतीय नर्सों के लिए रोजगार के अच्‍छे मौके हैं.