म्यूचअल फंड की कमाई पर अब कैसे लगेगा टैक्स, जान लें डेट, हाइब्रिड, ETF फंड पर होने वाला कैलकुलेशन
असेसमेंट ईयर 2025-26 से म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब इक्विटी फंड पर लॉन्ग टर्म गेन पर 12.5% और शॉर्ट टर्म गेन पर 20% टैक्स लगेगा. डेट, गोल्ड और इंटरनेशनल फंड्स पर होल्डिंग अवधि के अनुसार टैक्स की दर बदली गई है. इंडेक्सेशन बेनिफिट भी सीमित कर दिया गया है.

Mutual Fund Tax: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए म्यूचुअल फंड्स पर कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में बदलाव किया गया है. अब इक्विटी, डेट, गोल्ड और इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स के लिए अलग-अलग टैक्स रेट तय की गई हैं. नए नियम 23 जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे और इन्हें फॉलो करते हुए ITR फाइल करना जरूरी होगा. इन बदलावों से खासकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट की लिमिट और रेट में अंतर आया है. सरकार ने इस बार डेट फंड्स और अन्य गैर-इक्विटी फंड्स के टैक्सेशन को भी स्पष्ट कर दिया है. नए नियमों के अनुसार अब म्यूचुअल फंड्स में निवेश और रिटर्न की प्लानिंग करते समय टैक्स प्रभाव को भी समझना जरूरी हो गया है. खासकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी टैक्स और शार्ट टर्म पर 20 फीसदी की दर निवेशकों को प्रभावित कर सकती है. टैक्स प्लानिंग करते समय नए नियमों को ध्यान में रखते हुए ITR फाइल करना जरूरी होगा.
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर नया टैक्स
जिन म्यूचुअल फंड्स में कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है, वे इक्विटी फंड माने जाएंगे. इन पर एक साल से कम समय में बेचने पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा. जबकि एक साल से अधिक समय के निवेश पर लॉन्ग टर्म गेन पर 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा. हालांकि इसमें एक साल में 1.25 लाख रुपए तक के लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
डेट फंड्स पर बदल गया गणित
यदि आपने 1 अप्रैल 2023 के बाद डेट फंड में निवेश किया है, तो उस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा. लेकिन यदि निवेश 31 मार्च 2023 से पहले किया गया है और आप 23 जुलाई 2024 से पहले बेचते हैं, तो तीन साल से ज्यादा की होल्डिंग पर 20 फीसदी टैक्स इंडेक्सेशन के साथ लगेगा. 23 जुलाई 2024 के बाद डेट फंड बेचने पर दो साल से अधिक होल्डिंग पर 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा और इंडेक्सेशन नहीं मिलेगा.
गोल्ड और इंटरनेशनल फंड्स पर स्लैब रेट
गोल्ड म्यूचुअल फंड और इंटरनेशनल फंड्स पर नया नियम लागू हो गया है. चाहे आपने जितने भी समय के लिए निवेश किया हो, उस पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा. इसमें किसी प्रकार की इंडेक्सेशन या छूट नहीं दी जाएगी.
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हाइब्रिड और ETF फंड्स की स्थिति
यदि हाइब्रिड फंड्स में इक्विटी 65 फीसदी से अधिक है, तो उन्हें इक्विटी फंड माना जाएगा. यदि इक्विटी कम है, तो डेट फंड जैसा टैक्स लगेगा. ETF यदि इक्विटी आधारित नहीं है, तो एक साल से कम समय पर स्लैब रेट और एक साल से अधिक होल्डिंग पर 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा.
फंड का प्रकार | पुराना नियम (22 जुलाई 2024 तक) | नया नियम (23 जुलाई 2024 से) |
---|---|---|
Equity Mutual Funds | STCG: 15% LTCG: 10% (₹1.25 लाख से ऊपर) | STCG: 20% + cess LTCG: 12.5% (₹1.25 लाख से ऊपर) |
Debt Mutual Funds | 31 मार्च 2023 से पहले खरीदे गए: STCG: स्लैब रेट (<36 माह) LTCG: 20% इंडेक्सेशन के साथ 1 अप्रैल 2023 से बाद खरीदे गए: सभी गेन: स्लैब रेट पर टैक्स | 31 मार्च 2023 तक खरीदे गए और 23 जुलाई 2024 के बाद बेचे गए: STCG: स्लैब रेट (<2 साल) LTCG: 12.5% (बिना इंडेक्सेशन) 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए: स्लैब रेट अनुसार टैक्स |
Hybrid Mutual Funds | इक्विटी ≥ 65%: इक्विटी फंड नियम लागू इक्विटी < 65%: डेट फंड जैसा टैक्स | इक्विटी ≥ 65%: नए इक्विटी फंड नियम लागू इक्विटी < 65%: डेट फंड जैसा टैक्स |
Gold Mutual Funds | आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स | पहले जैसा ही – आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स |
International Mutual Funds | आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स | पहले जैसा ही – आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स |
Fund of Funds (FoFs) | इक्विटी जैसे FoFs: पुराने इक्विटी नियम अन्य FoFs: स्लैब रेट | इक्विटी जैसे FoFs: नए इक्विटी नियम अन्य FoFs: स्लैब रेट |
ETFs (Non-equity based) | STCG: स्लैब रेट (≤ 1 वर्ष में बेचे) LTCG: 10% (>1 वर्ष, बिना इंडेक्सेशन) | STCG: स्लैब रेट (≤ 1 वर्ष में बेचे) LTCG: 12.5% (>1 वर्ष, बिना इंडेक्सेशन) |
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