कौन हैं जहांगीर वाडिया, जिनके आने से खुली Bombay Dyeing की किस्‍मत, 81 साल के पापा का बनेंगे सहारा

बाम्‍बे डाइंग के मैनेजिंग डायरेक्‍टर रहे जेह वाडिया 4 साल बाद भारत में दोबारा वापसी कर रहे हैं. वे दोबारा अपने पारिवारिक बिजनेस को ज्‍वाइन करेंगे. उन्‍होंने न सिर्फ अपने फैमिली बिजनेस से दोबारा जुड़ने बल्कि इसे आगे बढ़ाने का भी प्‍लान बनाया है, तो क्‍या है जेह की प्‍लानिंग, जानें पूरी डिटेल.

जेह वाडिया ने दोबरा जॉइन किया फैमिली बिजनेस Image Credit: money9

Jeh Wadia rejoins family business: वाडिया ग्रुप के चेयरमैन नुस्ली वाडिया के छोटे बेटे जेह वाडिया चार साल के ब्रेक के बाद अपने फैमिली बिजनेस में दोबारा लौटे हैं. उनका फोकस टेक्सटाइल ब्रांड Bombay Dyeing को एक कंज्यूमर ओरिएंटेड रियल एस्टेट कंपनी में बदलने पर है. इतना ही नहीं वे पुराने कारोबार को नया रंग देने और नए अवसरों पर दांव लगाने की योजना बना रहे हैं. उनकी घर वापसी की खबर आते ही कंपनी के शेयरों में जान आ गई है. 23 जुलाई को बॉम्‍बे डाइंग के शेयर लगभग 13 फीसदी तक उछल गए हैं. जिससे शेयरों की कीमत बढ़कर 186.30 रुपये हो गई. तो आखिर कौन है जहांगीर वाडिया, जिनके आने से बॉम्‍बे डाइंग की किस्‍मत खुल गई है और क्‍या है उनकी प्‍लानिंग जानें डिटेल.

कौन है जहांगीर उर्फ जेह वाडिया?

वाडिया ग्रुप की गिनती देश के दिग्‍गज बिजनेस घरानों में होती है. वाडिया ग्रुप के चेयरमैन नुस्‍ली वाडिया के छोटे बेट जहांगीर वाडिया है. उन्‍हें जेह वाडिया के नाम से भी जाना जाता है. वह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के परपोते हैं. हालांकि इसके बावजूद उन्‍हें भारत में रहना पसंद है. जेह वाडिया का जन्म 6 जुलाई 1973 को एक पारसी परिवार में हुआ था.

निजी जिंदगी से जुड़ी खास बातें

जहांगीर ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा लॉरेंस स्कूल में की और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए इंग्लैंड के एक बोर्डिंग स्कूल में चले गए. उन्‍होंने इंग्लैंड से साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की. बाद में जेह वाडिया ने 2003 में सेलिना से शादी की, जो ऑस्ट्रेलिया से हैं. जहांगीर वाडिया और सेलिना लंदन में मिले थे. उनके दो बच्चे जूनियर जहांगीर और एला हैं. सेलिना सी फेम नामक कपड़ों की कंपनी की मालिकन हैं.

इन कंपनियों की संभाली कमान

जे वाडिया ने गो फर्स्ट, बॉम्बे डाइंग और कंपनी की रियल एस्टेट शाखा बॉम्बे रियल्टी के प्रबंध निर्देशक के रूप में काम किया है. वहीं 288 साल पुराना वाडिया ग्रुप की चार प्रमुख कंपनियां लिस्‍टेड हैं, जिनमें ब्रिटानिया, बॉम्बे डाइंग, नेशनल पेरोक्साइड और बॉम्बे बर्मा है, जिनकी कुल मार्केट कैप 1.38 लाख करोड़ रुपये है. जेह ने अपने पिता और भाई नेस के साथ इन कंपनियों को बढ़ाने में भी अपना योगदान दिया है.

क्‍या है जेह का फ्यूचर प्‍लान?

जेह अपने भाई नेस (54 साल) और पिता नुस्ली (81साल) के साथ मिलकर वाडिया ग्रुप के रियल एस्टेट कारोबार को बॉम्बे रियल्टी ब्रांड के तहत मजबूत करने की योजना बना रहे हैं. इकोनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक वे मौजूदा और नए कारोबार को रणनीतिक, वित्तीय और एग्जिट श्रेणियों में बांट रहे हैं. उनका कहना है कि ये निर्णय बिना भावनाओं के लिया जाना चाहिए, जिसमें सिर्फ शेयरधारकों की संपत्ति बढ़ाने पर फोकस होगा. कंपनी ग्रुप और परिवार की जमीनों को अनलॉक करने से शुरुआत करेगी, फिर तीसरे पक्ष के साथ जॉइंट वेंचर की संभावनाएं तलाशेगी. उनका यह भी कहना है कि ग्रुप का रियल एस्टेट में पुराना अनुभव है, लेकिन अब इसे एक ब्रांड के तहत व्यवस्थित किया जाएगा. जिससे बॉम्बे डाइंग अगली पीढ़ी को साधने में भी कामयाब रहेगी.

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मुंबई से शुरू होगा सफर

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक जेह का कहना है कि वर्ली और सिवरी जैसे इलाके नवी मुंबई एयरपोर्ट और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण अहम हो रहे हैं. लेकिन बिल्डर्स और खरीदारों के बीच भरोसे की कमी है, जिसे बॉम्बे डाइंग की साख और विश्वसनीयता से दूर करने में मदद मिलेगी. कंपनी मुंबई से शुरुआत कर पूरे देश में विस्तार करेगी. जल्द ही आइलैंड सिटी सेंटर (ICC) प्रोजेक्ट रेजिडेंशियल ऑफर के साथ लॉन्च होगा और ऑफिस सेंटर व हाई-स्ट्रीट मॉल जैसे कमर्शियल प्रोजेक्ट्स पर भी विचार चल रहा है. बता दें जेह ने 2021 में कोविड के दौरान लंदन शिफ्ट होने का निजी फैसला लिया था, ताकि वे अपनी पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी निभा सकें. मगर अब पिता नुस्ली के कहने पर वे अब ग्रुप को नए शिखर पर ले जाने की प्‍लानिंग कर रहे हैं.

कैसे बनेंगे पिता का सहारा?

2023 में इंजन समस्याओं के कारण गो फर्स्ट (पूर्व में गो एयर) दिवालिया हो गई थी. साथ ही बॉम्‍बे डाइंग का जलवा पहले से कम हुआ है, ऐसे में पिता नुसली के आग्रह पर जेह दोबार वाडिया ग्रुप में जान फूंकना चाहते हैं. इसके लिए वो बॉम्‍बे डाइंग को नए कलेवर में पेश करेंगे और रियलटी सेक्‍टर में अपना दबदबा बढ़ाएंगे. बता दें सितंबर 2024 में बॉम्बे डाइंग ने वर्ली में 22 एकड़ जमीन जापान की सुमितोमो रियल्टी को 5,200 करोड़ रुपये में बेची थी जो देश की अब तक की सबसे बड़ी लैंड डील थी.