8 साल के निचले स्तर पर महंगाई, क्या अब दिसंबर MPC में RBI से मिलेगा ‘न्यू ईयर गिफ्ट’, जानें SBI ने क्या कहा?

सितंबर 2025 में महंगाई का स्तर 99 महीने यानी 8.25 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को केंद्र सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक सितंबर में CPI Inflation Rate 1.54% रही. SBI का कहना है कि महंगाई के लगातार काबू में रहने की वजह से दिसंबर MPC में RBI की तरफ से रेट-कट की संभावना बढ़ गई है.

महंगाई दर में गिरावट Image Credit: freepik

सितंबर 2025 में भारत की खुदरा महंगाई (CPI Inflation) घटकर 1.54% पर आ गई है. सबसे बड़ी राहत खाने-पीने की चीजों से आई है. सब्जियों, दालों, तेल-घी और मसालों की कीमतों में लगातार गिरावट के कारण महंगाई दर तेजी से नीचे आई है. SBI Research की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच फूड इन्फ्लेशन का योगदान पॉजिटिव से निगेटिव हो गया है. यानी यह CPI को ऊपर ले जाने के बजाय नीचे खींच रहा है. रिपोर्ट बताती है कि फूड इन्फ्लेशन में गिरावट लगातार 11 महीने से जारी है, जो अब तक की सबसे लंबी अवधि है. इस दौरान सब्जियों के दाम में 21.38%, दालों में 15.32% और तेल व फैट्स कैटेगरी में 18.34% की गिरावट आई है. वहीं, फलों की महंगाई भी घटकर 9.93% पर आ गई है.

अनाज ने तोड़ी महंगाई की कमर

रिपोर्ट के मुताबिक अनाज महंगाई सितंबर में 2.1% तक गिर गई. दिसंबर 2021 के बाद के बाद यह अपने सबसे निचले स्तर पर है. इसमें बड़ी भूमिका रिकॉर्ड धान उत्पादन की है, जो 8.2% ज्यादा हुआ है. इसके अलावा बफर स्टॉक भी महंगाई को कंट्रोल कर रहा है, जो अब भी नॉर्म से 3.5 गुना ज्यादा है. वहीं, गेंहू की कीमतें भी फरवरी के 9.2% से गिरकर सितंबर में 3.7% पर आ गई हैं. SBI का कहना है कि खरीफ सीजन में धान, मक्का, उड़द और गन्ने की बढ़ी बुवाई आने वाले महीनों में कीमतों को स्थिर रखेगी.

कोर CPI भी कंट्रोल में

सोने को छोड़कर कोर CPI 3.28% पर है. अगर पेट्रोल, डीजल, गोल्ड-सिल्वर को निकाल दें तो यह 3.3% पर आ जाता है, यानी कोर इन्फ्लेशन भी अब RBI के पैमानों के हिसाब से कंफट जोन में है.

ग्रामीण भारत को ज्यादा राहत

रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण इलाकों में महंगाई शहरी क्षेत्रों से कम है. 36 में से 31 राज्यों में CPI 4% से नीचे है, जो बताता है कि प्राइस प्रेशर अब लगभग खत्म हो चुका है. केवल केरल में नारियल और नारियल तेल की ऊंची कीमतों से CPI ऊंचा है.

क्या RBI अब करेगा Rate Cut?

SBI Research का अनुमान है कि अक्टूबर में CPI करीब 0.45% रह सकता है, जिससे दिसंबर MPC मीटिंग में रेट-कट की संभावना मजबूत हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, “अब RBI को बाजार के शोर से ज्यादा डाटा की आवाज सुननी चाहिए. अगर वह बहुत देर तक सावधानी के पक्ष में रहेगा, तो नीति दरों पर पीछे रह जाने का खतरा है.” SBI का मानना है कि FY26 में औसत महंगाई दर RBI के 2.6% अनुमान से नीचे 2.2% रहेगी और FY27 में यह घटकर 3.7% पर आ सकती है.

रिजर्व बैंक पर बढ़ा दबाव

रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉनेटरी पॉलिसी का अगला फैसला दिसंबर में होना है. अब जब महंगाई 8 साल के निचले स्तर पर है और कोर CPI भी काबू में है, तो बाजार यह उम्मीद कर रहा है कि RBI रेपो रेट में 25 से 50 बेस पॉइंट की कटौती का रास्ता खोल सकता है. यानी, अगर सब कुछ ऐसे ही रहा तो दिसंबर MPC से वाकई ‘न्यू ईयर गिफ्ट’ मिल सकता है.