Waaree Energies पर अमेरिका का फिर वार, टैक्स चोरी का आरोप; चीन में बने सेल और पैनल को बताया अपना

अमेरिकी कस्टम्स अधिकारियों का कहना है कि वारी एनर्जीज ने चीन में बने सोलर सेल और पैनल पर लगने वाले टैरिफ से बचने की कोशिश की है. कंपनी ने इन प्रोडक्ट को भारत में बना हुआ बताया. यह जांच एक अमेरिकी सोलर निर्माता समूह, अमेरिकन एलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड कमेटी के अनुरोध पर शुरू हुई.

Waaree energy Image Credit: Canva

Waaree Energies: भारतीय सोलर कंपनी वारी एनर्जीज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका में वारी एनर्जीज की जांच शुरू हो गई है. अमेरिकी कस्टम्स अधिकारियों का आरोप है कि वारी एनर्जीज ने चीन में बने सोलर सेल और पैनल पर लगने वाले टैरिफ से बचने की कोशिश की है. कंपनी ने इन प्रोडक्ट को भारत में बना हुआ बताया. यह जांच एक अमेरिकी सोलर निर्माता समूह, अमेरिकन एलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड कमेटी के अनुरोध पर शुरू हुई. इस ग्रुप में क्यूसेल्स (कोरिया की हन्वा कॉर्प की कंपनी) और फर्स्ट सोलर जैसी कंपनियां शामिल हैं. इस ग्रुप ने कस्टम्स एजेंसी को लेटरर लिखकर जांच की मांग की थी.

वारी एनर्जीज ने अपने कुछ प्रोडक्ट पर नहीं लगाए सही लेबल

ET के रिपोर्ट के मुताबिक कस्टम्स एजेंसी ने एक लेटर में कहा कि उन्हें शक है कि वारी एनर्जीज ने अपने कुछ imported प्रोडक्ट पर सही लेबल नहीं लगाए. ये प्रोडक्ट चीन और कुछ अन्य एशियाई देशों में बने हो सकते हैं. इन पर अमेरिका ने पहले से ही एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी लगाए हैं. इन टैरिफ का मकसद अमेरिकी बाजार को सस्ते विदेशी प्रोडक्ट से बचाना है. जांच के दौरान, कस्टम्स एजेंसी ने वारी से नकद जमा राशि मांगी है ताकि अमेरिकी सरकार के रेवेन्यू की रक्षा हो सके.

सौर पैनलों का आयात बढ़ा है

वारी के वकील ने अभी इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. पिछले दो सालों में, भारत से अमेरिका में सौर पैनलों का आयात बहुत बढ़ गया है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिकी Commerce Department ने चार दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से आने वाले सौर पैनलों पर टैरिफ लगा दिए थे, जो पहले अमेरिका की मुख्य आपूर्ति थे. अमेरिका ने चीन में बने सौर पैनलों पर दस साल से अधिक समय से टैरिफ लगाए हुए हैं.

एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग टैरिफ लगाने की मांग

अमेरिकन एलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड कमेटी ने इस जांच की सराहना की है. ग्रुप के वकील टिम ब्राइटबिल ने कहा, “भारत के सोलर प्रोडक्ट बाजार में सबसे सस्ते हैं और अब हमें पता चला कि ऐसा क्यों है. वे चीनी सेल का इस्तेमाल करते हैं और उन पर लगने वाले टैक्स नहीं देते.” इस ग्रुप ने पहले भी Commerce Department से भारत, इंडोनेशिया और लाओस से आने वाले सोलर सेल और पैनलों पर एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग टैरिफ लगाने की मांग की थी.

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