गोल्ड खरीदते वक्त देना होता है 3% GST, लेकिन बेचने पर भी क्या लगेगा टैक्स? 22 सितंबर से लागू हुए हैं ये नियम
सोने की कीमतों में तेजी ने लोगों को अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचने के लिए प्रेरित किया है. लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस लेन-देन पर जीएसटी देना होगा? सरकार ने इस पर साफ नियम बनाए हैं, जिन्हें जानना हर ग्राहक के लिए जरूरी है.

सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं और ऐसे में कई लोग अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचकर नकद कमाने की सोच रहे हैं. पुराने हार, कंगन या चूड़ियों को बेचने से पहले लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या इस लेन-देन पर जीएसटी (GST) देना पड़ेगा? इसका जवाब हर किसी के लिए एक जैसा नहीं है, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि ज्वेलरी कौन बेच रहा है.
सोना खरीदने और बेचने के नियम
जब आप नई सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं तो उस पर 3% जीएसटी लगता है. यह टैक्स 22 कैरेट और 24 कैरेट दोनों तरह के सोने पर समान रूप से लागू होता है. यानी अगर आप नया सोना खरीदते हैं, तो कीमत के साथ 3 फीसदी टैक्स भी चुकाना पड़ता है.
लेकिन जब बात पुराना सोना बेचने की आती है तो नियम थोड़े बदल जाते हैं.
- अगर कोई आम व्यक्ति अपनी पुरानी ज्वेलरी ज्वेलर को बेचता है तो उस पर कोई जीएसटी लागू नहीं होता.
- अगर कोई रजिस्टर्ड डीलर या बिना पंजीकरण वाला सोने का कारोबारी इसे बेचता है तो GST लागू होता है.
- जब ज्वेलर इस पुरानी ज्वेलरी को फिर से बेचता है, तो उस पर 3 फीसदी जीएसटी लिया जाता है.
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म
GST लागू होने के शुरुआती समय में सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण दिया था. नियम के मुताबिक, अगर कोई अनरजिस्टर्ड सप्लायर (बिना पंजीकरण वाला सोने का कारोबारी) किसी रजिस्टर्ड ज्वेलर को पुराना सोना बेचता है तो उस पर टैक्स देना होता है. इस स्थिति में टैक्स भरने की जिम्मेदारी ज्वेलर पर होती है, जिसे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) कहा जाता है.
लेकिन अगर कोई आम व्यक्ति, जो सोने का कारोबार नहीं करता, सिर्फ अपनी निजी ज्वेलरी बेच रहा है, तो यह “सप्लाई” की कैटेगरी में नहीं आता. ऐसे मामलों में कोई जीएसटी नहीं लगता.
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अगर आप एक सामान्य ग्राहक हैं और सिर्फ अपनी पुरानी ज्वेलरी बेचकर पैसे लेना चाहते हैं तो आपको जीएसटी देने की चिंता करने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर सोने का कारोबार करने वाला व्यक्ति ज्वेलर को पुराना सोना बेचता है, तो उस पर टैक्स नियम लागू होंगे.
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