लेबर सरकार की टैक्स पॉलिसी ने बढ़ाई चिंता, स्टील टायकून लक्ष्मी मित्तल ने किया UK छोड़ने का फैसला; यहां होंगे शिफ्ट

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार स्टील उद्योगपति लक्ष्मी एन मित्तल ने ब्रिटेन छोड़ने का फैसला ले लिया है. लेबर सरकार द्वारा सुपर-रिच पर संभावित सख्त टैक्स नीतियों ने अमीर तबके में चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक मित्तल अपना टैक्स रेजिडेन्स स्विट्जरलैंड में शिफ्ट कर चुके हैं और आगे अधिक समय दुबई में बिताएंगे, जहां उनकी प्रॉपर्टी मौजूद है.

लक्ष्मी मित्तल Image Credit: tv9 bharatvarsh

Lakshmi Mittal: भारत मूल के दिग्गज स्टील कारोबारी लक्ष्मी एन मित्तल ने ब्रिटेन छोड़ने का बड़ा फैसला ले लिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबर पार्टी सरकार द्वारा सुपर-रिच पर सख्त टैक्स की तैयारी ने अमीर तबके को चिंतित कर दिया है, और इसी माहौल में मित्तल ने अपना टैक्स रेजिडेन्स स्विट्जरलैंड में शिफ्ट कर लिया है. जानकारी के अनुसार वह आगे अपना अधिक समय दुबई में बिताएंगे, जहां उनकी पहले से प्रॉपर्टी मौजूद है और हाल ही में उन्होंने नाया आइलैन्ड पर भी जमीन खरीदी है. यह कदम ऐसे समय पर आया है जब ब्रिटेन अपने वित्तीय घाटे को भरने के लिए नए टैक्स प्रावधानों पर काम कर रहा है.

ब्रिटेन की टैक्स नीतियों से अमीरों में बढ़ी चिंता

‘द सन्डे टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार 75 वर्षीय लक्ष्मी मित्तल की नेटवर्थ ‘सन्डे टाइम्स रिच लिस्ट 2025’ में 15.4 बिलियन पाउंड आंकी गई है. ब्रिटेन सरकार आने वाले बजट में सुपर-रिच पर अतिरिक्त टैक्स लागू करने पर विचार कर रही है, जबकि पहले ही कैपिटल गेन टैक्स और रिलीफ में कटौती जैसे कदम लिए जा चुके हैं. इस अनिश्चित माहौल ने निवेशकों और अमीर परिवारों के बीच असुरक्षा पैदा कर दी है.

दुबई बन रहा अरबपतियों का नया ठिकाना

लक्ष्मी मित्तल का यूके को छोड़ना कोई अकेला उदाहरण नहीं है. रिपोर्ट बताती है कि भारतीय मूल के कई उद्यमी, जैसे हरमन नरूला भी यूके को छोड़ने की तैयारी में हैं. लगातार बदलते टैक्स नियम, संभावित ‘एग्जिट टैक्स’ और ब्रिटेन के आर्थिक माहौल में अनिश्चितता ने कारोबारियों के भरोसे को झटका दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि दुबई टैक्स-फ्रेंडली वातावरण और स्थिर नीतियों के कारण अरबपतियों की पहली पसंद बनता जा रहा है.

ब्रिटेन की नीति पर सवाल

रिपोर्ट के अनुसार यूके को बजट से पहले सरकार की नीति में लगातार हुए बदलावों ने भरोसा कम किया है. निवेशक मानते हैं कि टैक्स नियमों में बार-बार परिवर्तन से ब्रिटेन की स्थिर निवेश डेस्टिनेशन के रूप में छवि कमजोर हुई है. इसी बढ़ती अस्थिरता के बीच मित्तल जैसे उद्योगपतियों ने यूके को अलविदा कहने का फैसला किया है. ‘सन्डे टाइम्स रिच लिस्ट’ में उन्हें ब्रिटेन का आठवां सबसे अमीर व्यक्ति बताया गया है.

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