कर्ज के बम पर बैठा है मालदीव, भारत बदल सकता है तकदीर, इसलिए मोदी के स्वागत पर उमड़ पड़ी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे पर राष्ट्रपति मुइज्जु ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जो पहले 'इंडिया आउट' कैंपेन चला चुके थे. यह बदलाव मालदीव की डूबती अर्थव्यवस्था और 9.4 अरब डॉलर के भारी कर्ज के चलते हुआ है. भारत ने करेंसी स्वैप और अन्य वित्तीय सहायता देकर संकट में राहत पहुंचाई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे पर राष्ट्रपति मुइज्जु ने गर्मजोशी से स्वागत किया. Image Credit:

India-Maldives ties: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 25 जुलाई को पड़ोसी देश मालदीव पहुंचे. उनके स्वागत में एयरपोर्ट पर वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु पूरी कैबिनेट के साथ मौजूद थे. विपक्ष का नेता रहते इंडिया आउट कैंपेन चलाने वाले मुइज्जु का यह बदला रूप देख कई लोगों को आश्चर्य हुआ. लेकिन मुइज्जु का यह बदलाव ऐसे ही नहीं हुआ बल्कि मालदीव की खस्ता हाल अर्थव्यवस्था के चलते हुआ है. राष्ट्रपति मुइज्जु भले ही “India Out” के नारे पर सत्ता में आए हों, लेकिन उन्होंने भारत से सैन्य टुकड़ियां हटवाने के बाद द्विपक्षीय रिश्तों को फिर से मजबूत करना शुरू किया. इसके लिए अपने देश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने ना सिर्फ पीएम मोदी को आमंत्रित किया बल्कि पूरे गर्मजोशी से स्वागत भी किया.

कर्ज के तले दबा है मालदीव

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के अंत तक मालदीव का कुल सार्वजनिक और सार्वजनिक रूप से गारंटीड कर्ज लगभग 9.4 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो देश की GDP का करीब 134 फीसदी है. यह 2024 की पहली तिमाही में 8.2 अरब डॉलर (GDP का 116 फीसदी) की तुलना में तेज बढ़ोतरी है. COVID-19 महामारी के प्रभाव के चलते मालदीव का कर्ज 2019 में 77 फीसदी GDP से बढ़कर 2020 में 152 फीसदी GDP तक पहुंच गया था. इसके बाद यह 2021 में घटकर 117 फीसदी और 2023 में 124 फीसदी हुआ, लेकिन 2024 में फिर से बढ़कर 134 फीसदी हो गया.

भारत-मालदीव द्विपक्षीय व्यापार (जनवरी-दिसंबर, अमेरिकी डॉलर में मिलियन)

वर्षमालदीव को कुल निर्यातमालदीव से कुल आयातकुल व्यापार
2013154.0012.30156.30
2014170.602.90173.50
2015225.823.00228.82
2016274.551.55276.10
2017282.044.12286.16
2018286.133.01288.14
2019290.273.42293.69
2020241.903.33245.23
2021317.355.94323.29
2022495.406.42501.82
2023543.835.14548.97
2024 (फरवरी तक)84.690.7085.40

ये भी पढ़ें- भारत-UK डील से 75000 भारतीयों को सीधा फायदा, अब 3 साल तक होगी टैक्स फ्री कमाई

भारत से मदद की उम्मीद

कर्ज के जाल में फंसे मालदीव ने चीन से अपेक्षित मदद न मिलने पर भारत का रुख किया. भारत सरकार ने मदद करते हुए मालदीव को तुरंत करेंसी अदला-बदली (currency swap), ट्रेजरी बिल्स के रोलओवर और अन्य वित्तीय सहायता देकर राहत पहुंचाई. साथ ही, भारत और मालदीव के बीच अब मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और निवेश संधि पर चर्चा भी चल रही है. इस तरह, आर्थिक जरूरतों और सामरिक संतुलन की वजह से मालदीव ने भारत के साथ संबंधों को फिर से प्राथमिकता देना शुरू किया है.

सबसे ज्यादा भारतीय मालदीव घूमने जाते है

मालदीव में पर्यटन सबसे बड़ा उद्योग है, जो देश की आमदनी में बड़ा योगदान देता है. यह अकेले लगभग 30 फीसदी GDP में मदद करता है और 60 फीसदी से ज्यादा विदेशी पैसा भी इसी से आता है. पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में मालदीव में 17 लाख से ज्यादा लोग घूमने आए. इनमें सबसे ज्यादा 2,09,198 पर्यटक भारत से थे, फिर रूस से 2,09,146 और चीन से 1,87,118 लोग आए.

हो सकते हैं ये समझौते

पीएम मोदी के दौरे से उम्मीद है कि भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए कई अहम समझौते हो सकते हैं, जिनमें मुक्त व्यापार समझौता (FTA) और निवेश सुरक्षा संधि (BIPA) प्रमुख हैं. इससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. भारत मालदीव को मुद्रा अदला-बदली, सैन्य सहयोग, समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा क्षेत्र में भी सहायता दे सकता है. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल पेमेंट और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट जैसे ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में भी साझा प्रयास हो सकते हैं.