मुकेश अंबानी के ‘जियो’ मॉडल अपनाने के लिए बेकरार है अफ्रीकी देश, ऐसे बदल जाएगी इस देश की तस्वीर

रिलायंस जियो ने भारत में सस्ता डेटा देकर डिजिटल भारत में काफी बड़े बदलाव कर दिए. ऐसे ही बदलावों की उम्मीद पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना कर रहा है, और जियो मॉडल के लिए तरस रहा है.

मुकेश अंबानी के 'जियो' मॉडल अपनाने के लिए बेकरार है अफ्रीकी देश, ऐसे बदल जाएगी इस देश की तस्वीर Image Credit: RIL Live Feed

मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने भारत के 4जी बाजार में क्रांति ला दी थी, डेटा पहले मुफ्त था फिर सस्ता रहा लेकिन लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट का अनुभव मिला. अब ऐसा ही कुछ अंबानी पश्चिम अफ्रीका के देश घाना में करने जा रहे हैं. घाना (Ghana) इस समय अपने 5G नेटवर्क के विस्तार पर दांव लगा रहा है, जिसमें दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक मुकेश अंबानी का पूरा सपोर्ट रहेगा.

हाल ही में कर्ज संकट से बाहर आ रहे घाना को उम्मीद है कि 5जी डेटा की लागत कम करेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. दरअसल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी द्वारा फंडेड कंपनी नेक्स्ट-जन इन्फ्राको (NGIC) पहली बार 5G सेवा लॉन्च करेगी.

घाना की कम्युनिकेशन और डिजिटलाइजेशन मंत्री उर्सुला ओवुसु-एकुफुल का कहना है कि 2026 तक देशभर में 5G नेटवर्क पहुंचाने का टारगेट रखा है. उनका मानना है कि यह सिर्फ एक टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन नहीं बल्कि देशभर में हाई-स्पीड इंटरनेट तक लोगों को पहुंचाएगी.

घाना में पहुंचेगा जियो मॉडल

भारत में जिस तरह से 2016 में अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने सस्ती डेटा और मुफ्त कॉलिंग सेवा देकर टेलीकॉम सेक्टर में एक बड़ा बदलाव लाया था, उसी तरह घाना में भी एक ऐसा ही डिजिटल बदलाव लाने की कोशिश जारी है.

जियो की वजह से ही आज भारत में बड़े स्तर पर डेटा का इस्तेमाल हो रहा है और इसके करीब 47 करोड़ यूजर्स हैं. इसी तर्ज पर अब यह उम्मीद की जा रही है कि घाना में भी डेटा की लागत में कमी आएगी और लोगों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल आसान हो जाएगा.

बता दें कि NGIC को घाना में 10 साल के लिए 5G नेटवर्क का एक्सक्लूसिव लाइसेंस मिला है, जिसके लिए उन्होंने 12.5 करोड़ डॉलर चुकाए हैं. इससे प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां जैसे MTN Ghana और Telecel Ghana दोनों NGIC के नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगी, जिससे डेटा की लागत में कमी आ सकती है. इस नेटवर्क के बुनियादी ढांचे की जिम्मेदारी अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक यूनिट Radisys Corp संभालेगी, और साथ ही Nokia, Tech Mahindra, और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियां भी पार्टनर के रूप में सहयोग देंगी.

फिलहाल घाना में इंटरनेट की पहुंच लगभग 70% है, और सरकार का अगले छह सालों में इसमें तेज बढ़ोतरी करने का टारगेट है.