News9 Global Summit: भारतीय टैलेंट और जर्मन टेक से पूरी दुनिया को फायदा, बनेगा इनोवेशन का ग्लोबल मॉडल

भारत और जर्मनी मिलकर Global Capability Centres (GCCs) को इनोवेशन हब में बदल रहे हैं. भारत की तकनीकी प्रतिभा और जर्मनी की इंजीनियरिंग दक्षता के मेल से यह साझेदारी ग्लोबल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वैल्यू क्रिएशन की दिशा तय कर रही है.

GCC India Germany Image Credit: Money9live

ग्लोबल कंपनियां अब अपने Global Capability Centres (GCCs) को सिर्फ कॉस्ट कटिंग यूनिट्स के रूप में नहीं देख रही हैं, बल्कि इन्हें इनोवेशन और स्ट्रैटेजिक वैल्यू के इंजन के रूप में स्थापित कर रही हैं. News9 Global Summit के दौरान भारत और जर्मनी के विशेषज्ञों ने बताया कि किस तरह यह साझेदारी दुनियाभर के बिजनेस मॉडल्स को नया आकार दे रही है. खासतौर पर भारत की प्रतिभा और जर्मनी की इंजीनियरिंग क्षमता मिलकर GCCs को नई परिभाषा दे रही हैं, जहां डाटा एनालिटिक्स से लेकर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन तक, सब कुछ भारत के टैलेंट द्वारा संचालित हो रहा है.

भारत ग्लोबल लीडर

भारत इस समय दुनिया के कुल GCCs में से 50% से ज्यादा की मेजबानी कर रहा है. देश में करीब 1,900 GCCs हैं, जिनमें लाखों पेशेवर काम कर रहे हैं. हर साल यहां से 2 मिलियन से ज्यादा अंग्रेजी बोलने वाले STEM ग्रेजुएट्स निकलते हैं, जो ग्लोबल कंपनियों के लिए कोर टैलेंट बन चुके हैं. जर्मनी की करीब 150 कंपनियों ने भारत में अपने GCCs स्थापित किए हैं, जिनमें करीब 1.5 लाख प्रोफेशनल्स कार्यरत हैं. Siemens, MHP, Accenture जैसी कंपनियां भारत के डिजिटल और इंजीनियरिंग टैलेंट को अपने ग्लोबल ऑपरेशन्स में जोड़ रही हैं.

कंपनियों का बदला नजरिया

समिट में शामिल हुए पैनलिस्टों ने कहा कि अब GCCs का मकसद सिर्फ कॉस्ट एडवांटेज नहीं, बल्कि वैल्यू क्रिएशन और इनोवेशन बन चुका है. एक्सेंचर इंडिया के उज्ज्वल ज्योति ने कहा कि आज के GCCs, कंपनियों के इनोवेशन आर्म बन चुके हैं, जो रिसर्च, डेवलपमेंट और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को स्केल कर रहे हैं. उन्होंने कहा , “भारत में GCC अब केवल कॉस्ट प्ले नहीं बल्कि वैल्यू प्ले हैं,” इसी तरह सीमेंस टेक्नोलॉजी के पंकज व्यास और MHP India के Bernd-Otto Hormann ने बताया कि भारत-जर्मनी सहयोग अब पारंपरिक BPO रोल से आगे बढ़ चुका है और यह मॉडल अब ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेंटर्स (GTCs) और ग्लोबल इनोवेशन सेंटर्स (GICs) की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

भारत की ताकत

भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका स्केल और टैलेंट है. यहां की युवाशक्ति सिर्फ तकनीकी रूप से नहीं, बल्कि कोलैबोरेटिव कल्चर और लर्निंग माइंडसेट के लिए भी जानी जाती है. जर्मनी की इंजीनियरिंग दक्षता और रिसर्च क्षमता इस टैलेंट पूल को और मजबूती देती है. इनोवेशन के लिहाज से यह मेल वैश्विक कंपनियों के लिए आदर्श बन गया है, जहां भारत की स्पीड और डिजिटल फ्लुएंसी जर्मनी की प्रिसिशन और डीप R&D से मिलकर नई वैल्यू चेन तैयार कर रही है.

नीतिगत स्थिरता

पैनलिस्टों ने चर्चा के दौरान कहा कि भारत में नीतिगत स्थिरता, सरकार की अपस्किलिंग योजनाएं, और शिक्षा में टेक्नोलॉजी को अपनाने की रफ्तार GCC इकोसिस्टम को और मजबूत बना रही है. इसके साथ ही स्टार्टअप्स और EdTech सेक्टर्स में तेजी से बढ़ता इनोवेशन का माहौल जर्मन कंपनियों के लिए भारत को भरोसेमंद पार्टनर बनाता है.

भारत-जर्मनी का संयुक्त इनोवेशन मॉडल

पैनल चर्चा के आखिर में सभी पैनलिस्ट इस बात पर सहमत नजर आए कि यह सहयोग केवल ऑफशोरिंग नहीं, बल्कि ग्लोबल इनोवेशन इकोसिस्टम का निर्माण है. भारत और जर्मनी मिलकर ऐसा मॉडल बना रहे हैं, जो न सिर्फ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करेगा, बल्कि भविष्य के बाजारों में रेजिलिएंस और वैल्यू क्रिएशन की नई परिभाषा तय करेगा.

Latest Stories

News9 Global Summit: स्टटगार्ट में गूंजी भारत-जर्मन रिलेशनशिप की बात, नए इनोवेशन पर हुई चर्चा

News9 Global Summit 2025: जर्मनी की टेक्नोलॉजी और भारत का टैलेंट ला सकते हैं नई औद्योगिक क्रांति

PM मोदी ने ट्रंप से की बात, ‘गाजा शांति योजना’ के लिए दी बधाई, ट्रेड समझौते की भी हुई समीक्षा

अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत-यूरोपीय संघ का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ही तय करेगा आगे बढ़ने का रास्ता: न्यूज9 ग्लोबल समिट में बोले दिग्गज

तेजी से बढ़ रही स्मार्टफोन कंपनी को मिला नितिन कामत का सपोर्ट, करेंगे 180 करोड़ से ज्यादा का निवेश

भारत-जर्मनी पार्टनरशिप से दोनों देशों में इनोवेशन को मिलेगा बूस्ट, News9 Global Summit में बोले उद्योग जगत के दिग्गज