News9 Global Summit 2025: जर्मनी की टेक्नोलॉजी और भारत का टैलेंट ला सकते हैं नई औद्योगिक क्रांति
News9 Global Summit 2025 में जर्मनी के उद्योगपतियों ने माना कि भारत का टैलेंट और जर्मन टेक्नोलॉजी अगर साथ आएं तो दुनिया में एक नई औद्योगिक क्रांति संभव है. इसके साथ ही जर्मन उद्योगपतियों ने कहा कि जर्मनी की कभी फेल नहीं होने वाली मैन्युफैक्चरिंग को भारतीय टैलेंट की जरूरत है.

टीवी9 नेटवर्क का News9 Global Summit 2025 में बात करते हुए जर्मनी के बड़े उद्योगपतियों ने खुलकर कहा कि भारत का इंजीनियरिंग टैलेंट अगर जर्मन टेक्नोलॉजी से जुड़ जाए, तो दोनों देशों के लिए यह साझेदारी भविष्य की इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन साबित हो सकती है.
MANN+HUMMEL के सुपरवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन थॉमस फिशर ने समिट के अहम सत्र ‘German Manufacturing: Never Failing, Always Strong’ में कहा, “भारत के पास एक अलग तरह का टैलेंट है. हमारे पास बेहतरीन टेक्नोलॉजी है, और अगर इसे भारतीय इंजीनियरिंग स्किल्स का साथ मिल जाए, तो यह दोनों देशों के लिए गेमचेंजर साबित होगा.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं में काम को लेकर जो जुनून और एनर्जी है, वह जर्मनी में कम दिखाई देती है, और यही भारत की सबसे बड़ी ताकत है.
चौंकाने वाला है भारत का ग्रोथ मॉडल
LAPP Holding AG के सीईओ मथायस लैप ने कहा कि उनके परिवार ने 1990 के दशक में भारत में निवेश का फैसला किया था और आज भारत उनका दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है. उन्होंने कहा, “पिछले तीन दशकों में भारत ने जिस तरह विकास किया है, वह किसी करिश्मे से कम नहीं. आज भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनना इसकी मिसाल है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति के साथ उनका कारोबार भी लगातार बढ़ रहा है.
सप्लाई चेन में भारत का दबदबा
MHP के पार्टनर डॉ. क्रिश्चियन फिबिग ने कहा कि भारत की सप्लाई चेन मैनेजमेंट क्षमताएं किसी भी वैश्विक कंपनी के विकास के लिए ‘क्रिटिकल फैक्टर’ हैं. उन्होंने भारत को मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क का विश्वसनीय पार्टनर बताया. वहीं, निवेश के नजरिए से थॉमस फिशर ने कहा कि भारत के पास अब वह सबकुछ है जो ग्लोबल निवेशकों को चाहिए, स्थिर नीति, कुशल टैलेंट और बेहतर अंतरराष्ट्रीय रिश्ते. उन्होंने कहा, “भारत के युवाओं की क्षमता निवेश को सही दिशा दे सकती है. दुनिया के कई देशों से भारत के रिश्ते मजबूत हैं, ऐसे में निवेश की रफ्तार और बढ़ेगी,” उन्होंने कहा.
पैसावसूल प्रोडक्ट की जरूरत
जब मथायस लैप से पूछा गया कि भारतीय उपभोक्ता हमेशा “पांच स्टार प्रोडक्ट तीन स्टार कीमत” पर चाहते हैं, तो वे मुस्कुराए और बोले, “यह तो हर कोई चाहता है! हम इसे चुनौती और अवसर दोनों के रूप में देखते हैं. इसी सोच के साथ हम अपने उत्पाद तैयार करते हैं.” इस तरह जर्मन इंडस्ट्री के दिग्गजों का यह भरोसा बताता है कि भारत अब सिर्फ टेक टैलेंट का देश नहीं, बल्कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम का हिस्सा बन चुका है.
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