अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत-यूरोपीय संघ का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ही तय करेगा आगे बढ़ने का रास्ता: न्यूज9 ग्लोबल समिट में बोले दिग्गज
News9 Global Summit: गुरुवार को जर्मनी के स्टटगार्ट स्थित प्रतिष्ठित एमएचपी एरिना में न्यूज9 ग्लोबल समिट में आयोजित 'फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और टैरिफ वॉर: द इंडिया-जर्मनी एडवांटेड' के सत्र में विशेषज्ञों ने इसी बात पर सहमति जताई.

News9 Global Summit: भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच साझा उद्देश्य की भावना अमेरिकी टैरिफ तनाव के बीच आपसी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकती है. गुरुवार को जर्मनी के स्टटगार्ट स्थित प्रतिष्ठित एमएचपी एरिना में न्यूज9 ग्लोबल समिट में आयोजित ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और टैरिफ वॉर: द इंडिया-जर्मनी एडवांटेड’ के सत्र में विशेषज्ञों ने इसी बात पर सहमति जताई.
यूरोपीय संघ और भारत को साझा समृद्धि के लिए साथ आना चाहिए
विकासशील देशों के लिए रिसर्च एवं इन्फॉर्मेशन सिस्टम के डायरेक्टर जनरल, प्रोफेसर सचिन कुमार शर्मा ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) प्रगति कर रहा है, लेकिन कुछ अड़चनें भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय संघ और भारत को अपनी साझा समृद्धि के लिए एक साथ आना चाहिए और यही आगे बढ़ने का रास्ता है. उन्हें एक-दूसरे की संवेदनशीलता का एहसास होना चाहिए.
शर्मा ने चेतावनी दी कि हम अनिश्चित समय में जी रहे हैं, और वैश्विक दक्षिण पर टैरिफ प्रतिबंध एक बड़ी चुनौती पेश करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार संबंधी मुद्दों का समाधान केवल बातचीत और वार्ता के माध्यम से ही हो सकता है.
असुरक्षित माहौल में निवेश नहीं हो सकता
आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरण मामलों के विभाग प्रमुख, बेसल-श्टाट कैंटन (स्विट्जरलैंड) स्टेट काउंसलर कास्पर सटर ने इस बात पर जोर दिया कि मुक्त व्यापार सबसे अच्छी चीज है. असुरक्षित माहौल में निवेश नहीं हो सकता. सटर ने आगे कहा कि निवेशक पूर्वानुमान और स्पष्टता चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय बाजार बेहद आकर्षक है और निवेश के इच्छुक लोगों की मदद के लिए इसे एक स्पष्ट ढांचा बनाना चाहिए.
रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) बेहद महत्वपूर्ण है और इसे जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए. इस मुक्त व्यापार समझौते का दोनों पक्षों पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे आर्थिक विकास, निवेश और भारत तथा यूरोपीय संघ के बीच मजबूत रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
एलबीबीडब्ल्यू के प्रबंध निदेशक मंडल के सदस्य जोआचिम एर्डले ने रणनीति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि टैरिफ ने बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी है और कई ग्राहक स्थिर माहौल की प्रतीक्षा में निवेश टाल रहे हैं.
टैरिफ ने पैदा की मल्टीपोलर डिमांड
लार्सन एंड टुब्रो के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि अमेरिका संरक्षणवाद के लिए नया नहीं है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें अमेरिकी टैरिफ में सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ ने मल्टीपोलर डिमांड पैदा की है, नए क्षेत्रों और तकनीकों को बढ़ावा दिया है और डायवर्सिफिकेशन को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि जहां तक निवेश में विश्वसनीयता का सवाल है, भारत एक आदर्श स्थान है.
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