News9 Global Summit: जर्मन कंपनियां भारत में करेंगी 5 अरब डॉलर का निवेश, नई ऊंचाई पर रिश्ते: अजित गुप्ते

जर्मनी में भारत के राजदूत अजित विनायक गुप्ते गुरुवार को आयोजित TV9 नेटवर्क के न्यूज9 ग्लोबल समिट में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछले 15 महीने में तमाम जर्मन कंपनियों ने भारत में 5 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता जाहिर की है.

अजित विनायक गुप्ते Image Credit: money9live/AI

News9 Global Summit Germany: भारत और जर्मनी के रिश्ते आज एक नए मुकाम पर हैं. जर्मनी में भारत के राजदूत अजित विनायक गुप्ते (Ajit Vinayak Gupte) ने कहा कि दोनों देशों के बीच न सिर्फ व्यापार बढ़ा है, बल्कि टेक्नोलॉजी और IT सेक्टर में भी गहरी साझेदारी उभर रही है. News9 Global Summit के दूसरे संस्करण में गुप्ते ने बताया कि जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले 5 सालों में दोनों देशों के बीच सेवाओं का व्यापार दोगुना हुआ है.

खासकर IT, शिपिंग और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सेवाओं के व्यापार मं बड़ा उछाल आया है. उन्होंने कहा, “2000 से ज्यादा जर्मन कंपनियां भारत में निवेश कर चुकी हैं और इतना मजबूत रिश्ता बना है कि अब पुणे को जर्मनी का सीक्रेट कैपिटल कहा जाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुप्ते ने कहा कि “महाराष्ट्र और Baden-Württemberg के बीच सहयोग के बड़े मौके हैं. भारत आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और IT में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है.

भारतीय सॉफ्टवेयर चला रहीं जर्मन कंपनियां

गुप्ते ने कहा कि आज ज्यादातर Mercedes-Benz कारें बेंगलुरु में बने सॉफ्टवेयर से चल रही हैं. इसके अलावा लेटेस्ट नैनोमीटर चिप्स भारत में तैयार हो रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि तमाम जर्मन कंपनियां भारत में बने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर वहां काम कर रहे हैं. सिर्फ एयरबस में ही जर्मनी में 300 से ज्यादा भारतीय काम कर रहे हैं. हाल ही में एयरबस बोर्ड ने पहली बार भारत का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी.

5 अरब डॉलर का निवेश

गुप्ते ने बताया कि पिछले 15 महीनों में जर्मन कंपनियों ने भारत में 5 अरब डॉलर यानी करीब 44,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय वर्कफोर्स भी जर्मन अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बन रही है. बवेरिया में भारत के बुचर्स काम कर रहे हैं और जर्मनी में 10,000 से ज्यादा भारतीय नर्सें हैं.

50 सालों की साझेदारी

गुप्ते ने याद दिलाया कि भारत और जर्मनी पिछले 50 सालों से विकास साझेदार रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का भी ज़िक्र किया जिसमें कहा गया था कि भारत-जर्मनी संबंध नए युग में प्रवेश कर चुके हैं और यह साझेदारी बदलते विश्व क्रम में दोनों देशों के लिए अहम है.

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