नीरव मोदी की मुश्किलें बढ़ीं, लंदन हाईकोर्ट ने 10वीं बार खारिज की जमानत याचिका
लंदन की हाई कोर्ट ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की नई जमानत याचिका खारिज कर दी है. यह जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दी. कोर्ट ने हर बार उनकी जमानत इसलिए खारिज की क्योंकि यह बहुत बड़ा धोखाधड़ी का मामला है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती. साल 2022 में ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी.
Nirav Modi: लंदन की हाई कोर्ट ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की नई जमानत याचिका खारिज कर दी है. यह जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दी. उन्हें मार्च 2019 से लंदन की जेल में रखा गया है. सीबीआई ने बताया कि इस बार भी नीरव की जमानत का विरोध ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने किया. इसमें सीबीआई की एक टीम ने भी लंदन जाकर मदद की. यह नीरव की 10वीं जमानत याचिका थी.
धोखाधड़ी का है मामला
कोर्ट ने हर बार उनकी जमानत इसलिए खारिज की क्योंकि यह बहुत बड़ा धोखाधड़ी का मामला है, इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती. साल 2022 में ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी. ताकि वह भारत में कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकें. नीरव मोदी जनवरी 2018 में भारत से भाग गए थे. कुछ हफ्तों बाद पीएनबी घोटाला सामने आया.
क्या है मामला
55 साल के नीरव पर 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से 6,498.20 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. नीरव के चाचा मेहुल चोकसी को भी पिछले महीने बेल्जियम में पीएनबी घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया. चोकसी भी अपने खिलाफ आरोपों से इनकार करते हैं.
तीन तरह की चल रही कानूनी कार्रवाइयां
नीरव मोदी के खिलाफ तीन तरह की कानूनी कार्रवाइयां चल रही हैं. पहला सीबीआई का पीएनबी में धोखाधड़ी का मामला और दूसरा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का उस धोखाधड़ी से जुड़े पैसे की हेराफेरी का मामला. वहीं तीसरा सीबीआई की जांच में सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ का मामला.