वित्त मंत्री सीतारमण ने लॉन्च किया GSTAT Portal, GST विवादों का समाधान होगा आसान; दिसंबर से होगी सुनवाई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST विवादों के लिए GST Appellate Tribunal (GSTAT) का शुभारंभ किया है. यह ट्रिब्यूनल दिसंबर 2025 से मामलों की सुनवाई शुरू करेगा और करदाताओं तथा प्रशासन के बीच विश्वास को मजबूत करेगा. 4.83 लाख लंबित मामलों के समाधान के लिए यह मंच चरणबद्ध प्रक्रिया में काम करेगा.
GSTAT Portal: भारत में 22 सितंबर से नया GST स्लैब लागू हो गया है. अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को गुड्स एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (GSTAT) का शुभारंभ किया. उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य टैक्स विवादों के विशाल लंबित मामलों को निपटाना और बिजनेस तथा एडमिनिस्ट्रेशन के बीच विश्वास को मजबूत करना है. यह ट्रिब्यूनल दिसंबर से मामलों की सुनवाई शुरू करेगा. सीतारमण ने कहा कि 2017 में “एक राष्ट्र, एक टैक्स, एक मार्केट” के रूप में जो शुरू हुआ था, उसे अब एक राष्ट्र, एक मंच” द्वारा और भी मजबूत किया गया है.
सबको मिलेगा समान अवसर
रेवेन्यू सेक्रेट्री अरविंद श्रीवास्तव ने ट्रिब्यूनल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने का समान अवसर सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि यह ट्रिब्यूनल एक विशिष्ट राष्ट्रव्यापी मंच प्रदान करेगा, जिससे पूरे देश में कानूनों की व्याख्या एक जैसी होगी, परिणामों में पूर्वानुमान और अपीलीय प्रक्रिया में विश्वसनीयता आएगी. यह टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रशासन के बीच विश्वास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा.
4.83 लाख मामले लंबित
फिलहाल, GST से जुड़े टैक्स मामलों की अपीलें सुनने वाली अदालतों में लगभग 4.83 लाख मामले लंबित हैं. अब इन सभी पुराने मामलों को नए बनाए गए GSTAT के पास भेजा जाएगा. इतने सारे मामलों को आसानी से दाखिल करने के लिए समय सीमा 30 जून 2026 तक बढ़ा दी गई है. वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी बताया कि मामलों को दाखिल करने का काम चरणबद्ध तरीके से होगा, जिसमें सबसे पहले पुराने विवादों पर ध्यान दिया जाएगा.
सीतारमण ने टैक्सपेयर्स से कहा कि उम्मीद है इस साल दिसंबर से नए ट्रिब्यूनल में सुनवाई शुरू हो जाएगी. उन्होंने सभी को सलाह दी कि वे अच्छी तैयारी करें और शांति से अपने दस्तावेज जमा करें. उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि चरणबद्ध प्रक्रिया की वजह से किसी को भी जल्दबाजी का दबाव नहीं झेलना पड़ेगा, जिससे लोगों की चिंता दूर हो सकेगी.
एक जगह मिलेगा सॉल्यूशन
GSTAT का काम केवल अपीलें सुनना ही नहीं होगा. यह “Authority for Advance Ruling” (AAR) के रूप में भी काम करेगा. इसका मतलब है कि करदाता भविष्य में होने वाले किसी विवाद से पहले ही अपने मामले पर GSTAT से राय ले सकते हैं. इस तरह, यह ट्रिब्यून विवाद होने से पहले और विवाद होने के बाद, दोनों ही स्थितियों में समाधान देने वाला वन स्टॉप फोरम बन जाएगा.
इन्हें बनाया गया है अध्यक्ष
इस ट्रिब्यूनल में हाल के महीनों में महत्वपूर्ण नियुक्तियां हुई हैं. मई 2024 में सेवानिवृत्त न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को इसकी मुख्य पीठ का अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त न्यायाधीश मयंक कुमार जैन को न्यायिक सदस्य के रूप में शामिल किया गया. साथ ही, कर और प्रशासन के अनुभव के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी ए. वेणु प्रसाद और अनिल कुमार गुप्ता को भी तकनीकी सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.
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