AMCA की रेस में शामिल हुईं ये दो दिग्गज कंपनियां, HAL की मोनोपॉली को मिलेगी चुनौती

आने वाले दिनों में भारतीय आसमान की शान बनने वाले पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण में दो और कंपनियों ने रुचि दिखाई है. अब L&T-BEL ने ₹15,000 करोड़ के AMCA प्रोजेक्ट में बोली लगाई. भारत के 5th-Gen Fighter Jet को बनाने में पहली बार प्राइवेट सेक्टर की सीधी भागीदारी होने जा रही है.

AMCA का फुल स्केल मॉडल Image Credit: X/IAF_MCC

भारत ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भता का दायरा अब छोटे-छोटे हथियारों से आगे बढ़ा दिया है. पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट भारत खुद बनाने की तैयारी में जुटा है. भारत के इस महत्वाकांक्षी 5th जेनरेशन फाइटर जेट प्रोग्राम को Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) नाम दिया गया है. यह पहली बार है, जब देश प्राइवेट सेक्टर इस तरह के प्रोजेक्ट में एंट्री कर रहा है. ₹15,000 करोड़ के इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए Larsen & Toubro (L&T) और Bharat Electronics Ltd (BEL) ने मिलकर बोली लगाने का ऐलान किया है.

पहली बार प्राइवेट प्लेयर सीधे रेस में

अब तक फाइटर जेट बनाने का काम सरकारी कंपनी Hindustan Aeronautics Limited (HAL) ही करती रही है. लेकिन, यह पहली बार है, जब इस काम में प्राइवेट सेक्टर लीड कंसोर्टियम भी शामिल हो रहा है. DRDO के Aeronautical Development Agency (ADA) ने जून 2025 में Expression of Interest (EoI) जारी किया था, लेकिन शुरुआत में किसी प्राइवेट कंपनी ने रिस्पॉन्ड नहीं किया. इसके बाद डेडलाइन बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई.

कौन-कौन है रेस में

HAL पहले से इस प्रोग्राम में बड़ा दावेदार है, जबकि Adani Defence & Aerospace भी भागीदारी के लिए अलग-अलग टाई-अप्स की तलाश में है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक 28 से ज्यादा प्राइवेट कंपनियां भी HAL के साथ कंसोर्टियम का हिस्सा बनने को इच्छुक हैं.

L&T-BEL पार्टनरशिप 50-50

L&T और BEL ने बराबरी की हिस्सेदारी (50-50) में मिलकर कंसोर्टियम बनाने का फैसला किया है. L&T के CMD एसएन सुब्रमण्यन ने कहा कि यह साझेदारी भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. वहीं BEL के CMD मनोज जैन का कहना है कि AMCA प्रोजेक्ट भारत की मैच्योर होती टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम की झलक है.

₹15,000 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट

मार्च 2024 में CCS (Cabinet Committee on Security) ने इस प्रोग्राम को मंजूरी दी थी. करीब ₹15,000 करोड़ की लागत से पांच प्रोटोटाइप तैयार किए जाएंगे, जिसके लिए पांच साल का टाइमलाइन तय किया गया है. इसमें DRDO की ADA लीड पार्टनर होगी और पब्लिक-प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करेंगे.

HAL की मोनोपॉली को चुनौती

अब तक HAL ही DRDO के एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट्स का मुख्य पार्टनर रहा है, जिसमें LCA Tejas भी शामिल है. लेकिन IAF कई बार HAL पर टाइमलाइन पूरी न करने को लेकर नाराजगी जताता रहा है. ऐसे में L&T-BEL जैसी एंट्री इस मोनोपॉली को तोड़ सकती है और भारत की डिफेंस एविएशन इंडस्ट्री को मल्टी-वेंडर मॉडल की ओर ले जा सकती है. L&T-BEL अगले हफ्ते तक ADA को औपचारिक प्रस्ताव सौंपने की तैयारी कर रहे हैं. अगर कंसोर्टियम चुना जाता है, तो भारत का 5th-gen फाइटर प्रोग्राम पहली बार प्राइवेट और पब्लिक पार्टनरशिप के नए दौर में प्रवेश करेगा.