‘IndiGo है पान की दुकान’, जानें मालिक ने ऐसा क्यों कहा फिर कमा लिए 30000 करोड़ रुपये

एक समय IndiGo एयरलाइन को “पान की दुकान” बताने वाले सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने अब उसी कंपनी से हजारों करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच कॉर्पोरेट टकराव ने जहां कंपनी की छवि को चर्चा में ला दिया, वहीं गंगवाल की हिस्सेदारी बेचने से हुई मोटी कमाई ने सभी को चौंका दिया. जानें क्या है इस बयान की कहानी.

इंडिगो और पान की दुकान वाला बयान Image Credit: @Money9live

IndiGo Paan Ki Dukaan: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo को लेकर इन दिनों एक पुराना विवाद फिर सुर्खियों में है. इस बार चर्चा की वजह है कंपनी के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल की एक बड़ी शेयर बिक्री और उनका वह तंज, जिसमें उन्होंने IndiGo को ‘पान की दुकान’ कहा था. दिलचस्प बात यह है कि जिस कंपनी को उन्होंने तंज कसते हुए पान की दुकान कह दिया था, आज उसी कंपनी ने उन्हें हजारों करोड़ों की कमाई कराई है. आइए, इस पुराने मामले पर जमे हुए धूल की परत को साफ करके एक बार फिर उस ‘तंज’ की कहानी का हिस्सा बताते हैं.

IndiGo की शुरुआत और मतभेद की कहानी

IndiGo एयरलाइंस की शुरुआत साल 2006 में दो दिग्गज कारोबारी- राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर की थी. कुछ ही सालों में यह एयरलाइन भारत की सबसे भरोसेमंद और सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन बन गई. लेकिन सफलता के साथ-साथ कंपनी के भीतर मतभेद भी बढ़ते गए. राकेश गंगवाल ने बोर्ड की कार्यशैली, पारदर्शिता और कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कंपनी में अपने हिस्से को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर दिया. इसी बीच दोनों के बीच सार्वजनिक विवाद छिड़ गया. उसी दौरान गंगवाल के बयान ने कंपनी के नाम और दोनों मालिकों के रिश्तों को सुर्खियों में लाया था.

‘पान की दुकान’ बयान कैसे आया चर्चा में?

बात 2019 की है जब विवाद चरम पर था. इसी दौरान राकेश गंगवाल ने IndiGo की कार्यशैली पर तंज कसते हुए इसे ‘पान की दुकान’ जैसा बता दिया. जवाब में राहुल भाटिया ने मीडिया से कहा, “अगर यह पान की दुकान है, तो बहुत अच्छी तरह चल रही है.” यह बयान लोगों के बीच मजाक और चर्चा का विषय बन गया. लेकिन इस हल्के शब्द के पीछे गंभीर मतभेद छिपे थे. गंगवाल कंपनी के नियंत्रण से खुद को अलग करना चाहते थे, लेकिन वह यह भी सुनिश्चित करना चाहते थे कि उन्हें उनका उचित मुनाफा मिले.

करोड़ रुपये की ब्लॉक डील, गंगवाल की बड़ी कमाई

कुछ दिन पहले, यानी 26 मई को राकेश गंगवाल ने InterGlobe Aviation (IndiGo की पैरेंट कंपनी) में अपनी 5.8 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है. इस शेयर बिक्री से उन्हें 11,928 करोड़ रुपये की भारी रकम मिली है. यह अब तक की उनकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी बिक्री में से एक है. इसके साथ ही उन्होंने कंपनी से पूरी तरह बाहर निकलने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा लिया है. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब गंगवाल ने अपनी हिस्सेदारी बेच कर घटाई हो, इससे पहले भी वह कई चरणों में अपनी हिस्सेदारी बेच चुके हैं. कुल मिलाकर उन्होंने IndiGo से अब तक 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है.

शेयर पर दिखा था असर

इस डील का शेयर बाजार पर हल्का असर पड़ा, लेकिन कंपनी की स्थिति स्थिर बनी हुई है. IndiGo अब भी देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है और इंटरनेशनल विस्तार की दिशा में तेजी से काम कर रही है. राहुल भाटिया अब कंपनी के अकेले मालिक हैं और रणनीतिक फैसले ले रहे हैं. सोमवार को गंगवाल के हिस्सेदारी बेचने के बाद अगले दिन यानी 27 मई को कंपनी के शेयर में गिरावट देखी गई थी.

हालांकि बुधवार, 28 मई को कंपनी के शेयर मामूली तेजी में कारोबार करते हुए बंद हुए. Interglobe Aviation के शेयर 0.32 फीसदी की बढ़त के साथ 5,330.50 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. एक दिन में कंपनी ने अपने निवेशकों को 17 रुपये प्रति शेयर का मुनाफा दिया है.

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