RBI के विलफुल डिफॉल्टरों की लिस्ट में टॉप पर मेहुल चोकसी, इतने हजार करोड़ का कर्ज बकाया
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2,664 कंपनियां विलफुल डिफॉल्टरहैं, जिनके पास ₹1.96 लाख करोड़ का कर्ज है, लेकिन जानबूझकर इन्होंने कर्ज नहीं चुकाया. रिपोर्ट में बताया गया कि इन कंपनियों ने कर्ज का गलत उपयोग किया. सबसे बड़े डिफॉल्टर Gitanjali Gems और ABG Shipyard हैं.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल 2,664 कंपनियां विलफुल डिफॉल्टर (wilful defaulters) हैं, जिनके पास ₹1.96 लाख करोड़ का कर्ज है. RBI ने बताया कि इन कंपनियों के पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसा था, लेकिन जानबूझकर इन्होंने कर्ज नहीं चुकाया. रिपोर्ट में बैंकिंग सिस्टम में मौजूद कमियों को भी उजागर किया है और देश में बढ़ते विलफुल डिफॉल्टर की संख्या पर चिंता जताते हुए इसे बैंकिंग सिस्टम के लिए खतरा बताया है. RBI के अनुसार, विलफुल डिफॉल्टर वे कर्जदार होते हैं जो बैंकों का लोन पैसा होने के बावजूद नहीं लौटाते या कर्ज का गलत इस्तेमाल करते हैं.
गीतांजलि जेम्स लिमिटेड सबसे बड़ी डिफॉल्टर
मार्च 2024 के आंकड़ों के अनुसार, Gitanjali Gems Ltd सबसे बड़ी डिफॉल्टर है, जिसका कुल ₹8,516 करोड़ का कर्ज है. इसके बाद ABG Shipyard है, जिसके पास ₹4,684 करोड़ का कर्ज है. आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 बड़े विलफुल डिफॉल्टरों में ये कंपनियां शामिल हैं.
- गीतांजलि जेम्स लिमिटेड: ₹8,516 करोड़
- एबीजी शिपयार्ड: ₹4,684 करोड़
- कोंकास्ट स्टील एंड पावर: ₹3,557 करोड़
- एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग: ₹3,507 करोड़
- SEL एग्रो: ₹3,367 करोड़
- विंसम डायमंड्स: ₹3,356 करोड़
- ट्रांसस्ट्रॉय इंडिया: ₹3,261 करोड़
- रोटोमैक ग्लोबल: ₹2,894 करोड़
- जूम डेवलपर्स: ₹2,217 करोड़
- यूनिटी इंफ्राप्रोजेक्ट्स: ₹1,987 करोड़ बैंकिंग सिस्टम पर खतरा
बैंकिंग सिस्टम पर बड़ा खतरा
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन कंपनियों द्वारा अपना कर्ज नहीं चुकाने से देश के बैंकिंग सिस्टम पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. पिछले कुछ सालों में देश में विलफुल डिफॉल्टर के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें अधिकांश बड़ी कंपनियां शामिल हैं. पिछले चार सालों में यह कर्ज ₹1.52 लाख करोड़ से बढ़कर ₹1.96 लाख करोड़ हो गया है.
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मेहुल चोकसी पर क्या आरोप हैं?
इस लिस्ट में सबसे अधिक कर्ज गीतांजलि जेम्स लिमिटेड पर है. इसके मालिक मेहुल चोकसी पर ₹14,000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. मेहुल ने लोन लेने के लिए रखी गई संपत्तियों को बिना बैंकों को बताए बेच दिया. इसी तरह, इस लिस्ट में शामिल कंपनी एबीजी शिपयार्ड सहित दूसरी अन्य कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों द्वारा दी गई लोन का गलत यूज किया. लिस्ट में शामिल रोटोमैक ग्लोबल और यूनिटी इंफ्राप्रोजेक्ट्स पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों में जांच चल रही है.
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