Rupee vs Dollar: ट्रेड-टैरिफ पर बातचीत के बीच रुपया 47 पैसे कमजोर, ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंचा
रुपया डॉलर के मुकाबले 47 पैसे टूटकर ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया है. H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी, विदेशी फंड्स के बढ़ते आउटफ्लो और अमेरिकी टैरिफ से बाजार में बढ़ते नेगेटिव के चलते शेयर बाजार का दबाव भी रुपये पर देखने को मिला है. हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और RBI के दखल से रुपये को निचले स्तर से सहारा मिला है.

USD vs INR के ट्रेड में मंगलवार को रुपया 47 पैसे टूटकर 88.75 प्रति डॉलर (प्रोविजनल) के नए ऑल-टाइम लो पर बंद हुआ. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपये की शुरुआत 88.41 पर हुई थी, दिन के दौरान यह 88.82 तक गिरा और आखिरकार 88.75 पर स्थिर हुआ. सोमवार को रुपया 88.28 पर बंद हुआ था.
H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी का असर
फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है कि अमेरिका में H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर की नई लेवी ने भारतीय आईटी सेवाओं के निर्यात पर दबाव बढ़ा दिया है. इससे रेमिटेंस ग्रोथ धीमी पड़ सकती है और सर्विस एक्सपोर्ट्स पर असर पड़ेगा. यही वजह है कि निवेशक डॉलर की ओर रुख कर रहे हैं.
विदेशी फंड आउटफ्लो से दबाव
सोमवार को एफआईआई ने घरेलू शेयर बाजार से 2,910.09 करोड़ रुपये की बिकवाली की. विदेशी निवेशकों के लगातार आउटफ्लो ने रुपये पर और दबाव डाला. साथ ही अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी ने भी सेंटिमेंट कमजोर किया है.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
मिराए एसेट शेयरखान के करेंसी और कमोडिटीज रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि वीजा फीस इश्यू से घरेलू बाजार की धारणा कमजोर बनी रह सकती है. हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रुपये को सपोर्ट दे सकती है. उन्होंने कहा कि आरबीआई का इंटरवेंशन भी रुपये को नीचे के स्तर पर सहारा दे सकता है. चौधरी के मुताबिक डॉलर-रुपया (USD-INR) स्पॉट प्राइस 88.45 से 89.20 की रेंज में रह सकता है.
डॉलर और क्रूड का हाल
रिपोर्ट के मुताबिक डॉलर इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 97.28 पर कारोबार कर रहा था. वहीं, ब्रेंट क्रूड 0.41% चढ़कर 66.84 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा. हालांकि, टैरिफ, ट्रेड डील और वीजा जैसे मामलों का दबाव रुपये पर दिखा. भारत के शेयर बाजार पर भी इन मुद्दों का असर दिखा. सेंसेक्स 57.87 अंक टूटकर 82,102.10 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 32.85 अंक गिरकर 25,169.50 पर पहुंचा.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
इसी बीच, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका दौरे पर हैं. उनका उद्देश्य दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत को आगे बढ़ाना और जल्द ही एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना है.
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