इनसाइडर ट्रेडिंग पर SEBI की सख्ती, IndusInd Bank के पूर्व MD सुमंत कथपालिया सहित 5 लोगों को किया बैन

SEBI ने इंडसइंड बैंक के पूर्व एमडी सुमंत कथपालिया और चार अन्य पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में तुरंत प्रभाव से शेयर बाजार में लेनदेन करने पर रोक लगा दी है. सेबी के अनुसार, इन लोगों ने गोपनीय जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग की थी. जांच अभी जारी है और कुछ और नाम सामने आ सकते हैं.

सेबी की सख्ती Image Credit: @Money9live

SEBI on IndusInd Bank MD: सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने IndusInd Bank के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कथपालिया और अन्य चार लोगों पर बड़ी कार्रवाई की है. इन सभी पर इनसाइडर ट्रेडिंग यानी गोपनीय जानकारी के आधार पर शेयर बाजार में गलत तरीके से लेनदेन करने का आरोप है. सेबी के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि कथपालिया के साथ पूर्व डिप्टी CEO अरुण खुराना, सुशांत सौरव, रोहन जथन्ना और अनिल मार्को राव को भी तत्काल प्रभाव से शेयर बाजार में किसी भी तरह का व्यापार करने से रोका गया है. यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक अंतिम आदेश नहीं आता.

क्या है पूरा मामला?

सेबी की जांच में सामने आया कि जब इन पांचों व्यक्तियों के पास कंपनी से जुड़ी गोपनीय जानकारी थी (जिसे ‘Unpublished Price Sensitive Information’ कहा जाता है), तब उन्होंने शेयरों की खरीद-फरोख्त की. इस तरह की गतिविधि इनसाइडर ट्रेडिंग के तहत आती है जो सेबी के नियमों के अनुसार गंभीर अपराध है. इससे पहले भी इनसाइडर ट्रेडिंग में लिप्त पाए गए लोगों पर सेबी ने कार्रवाई की है.

SEBI का आदेश

सेबी के Whole Time Member कमलेश चंद्र वर्शनेय ने अपने आदेश में कहा, “नोटिस में नामित सभी व्यक्तियों को किसी भी प्रकार के प्रतिभूतियों (securities) के लेनदेन से तुरंत रोका जाता है चाहे वो सीधे हो या अप्रत्यक्ष रूप से.” सेबी ने यह भी कहा है कि ये एक अंतरिम आदेश है और आरोपित लोग 21 दिनों के भीतर इस आदेश पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं या फिर व्यक्तिगत सुनवाई की मांग भी कर सकते हैं. सेबी के मुताबिक, इस मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है. कई और लोगों पर भी नजर रखी जा रही है. जांच पूरी होने के बाद और भी नाम सामने आ सकते हैं. इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग के साथ-साथ डिस्क्लोजर से जुड़ी अन्य गड़बड़ियों की भी समीक्षा की जा रही है.

क्यों है यह मामला अहम?

इनसाइडर ट्रेडिंग से बाजार में ट्रांसपेरेंसी और निवेशकों के विश्वास को गहरी चोट पहुंचती है. जब कंपनी के अंदरूनी लोग गोपनीय जानकारी के आधार पर शेयर खरीदते-बेचते हैं, तो आम निवेशक नुकसान में रहते हैं. सेबी की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि नियामक संस्था ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाए हुए है.

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