सेबी ने एमसीएक्स पर लगाया 25 लाख रुपये का जुर्माना, सॉफ्टवेयर सेवाओं के लिए भुगतान से जुड़ा है मामला
भारतीय शेयर बाजार नियाकम सेबी ने सोमवार को MCX यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी के मुताबिक यह जुर्माना एमसीएक्स की तरफ से सॉफ्टवेयर सेवाओं के भुगतान में पारदर्शिता नहीं रखने के लिए लगाया गया है.
बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने सोने-चांदी सहित तमाम कमोडिटी के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराने वाले मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक यह जुर्माना MCX की तरफ से सॉफ्टवेयर के लिए किए गए भुगतान में पारदर्शिता नहीं बरते जाने की वजह से लगाया गया है.
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि MCX पर अपर्याप्त खुलासे के लिए 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना असल में 63 मून्स टेक्नोलॉजीज को किए गए भुगतान से जुड़ा है. एमसीएक्स का 63 मून्स टेक्नोलॉजीज के साथ पुराना कॉन्ट्रैक्ट है. हालांकि, सेबी ने हाल में ही पाया कि एमसीएक्स ने सॉफ्टवेयर सेवाओं के लिए इस कंपनी को किए गए कई बड़े भुगतानों के बारे में स्पष्ट खुलासा नहीं किया है. जबकि, एक लिस्टेड कंपनी के तौर पर यह खुलासे करना शेयर बाजार के नियमों के तहत अनिवार्य हैं.
सेबी का कहना है कि MCX की तरफ से इस संबंध में स्पष्ट खुलासा नहीं किए जाने से कंपनी की तरफ से इस्तेमाल की गई एक बड़ी धनराशि के बारे में निवेशकों को सही जानकारी नहीं मिल पाई. सेबी के आदेश के मुताबिक MCX को जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर जमा करनी होगी. अगर ऐसा नहीं होता है, तो सेबी की तरफ से इस मामले में आगे और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं.
क्या है पूरा मामला?
असल में यह मामला ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर के लिए MCX और 63 मून्स टेक्नोलॉजीज के साथ किए गए एक कॉन्ट्रैक्ट के से जुड़े भुगतान से जुउ़ा है. एमसीएक्स ने 2003 में 63 मून्स टेक्नोलॉजीज के साथ एक ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर पर कॉन्ट्रैक्ट किया था. उस समय 63 मून्स के ही पास एमसीएक्स का पूर्ण स्वामित्व था. लेकिन, 2020 में एमसीएक्स ने एक नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाने का फैसला किया और इसका कॉन्ट्रैक्ट टीसीएस को दिया गया. लेकिन, तय समय में जब यह प्लेटफॉर्म शुरू नहीं हो पाया, तो एमसीएक्स ने 63 मून्स के साथ ही ज्यादा लागत पर अपनी सेवाएं जारी रखने फैसला किया. लेकिन, लागत में हुए इजाफे की जानकारी बाजार नियमों के तहत शेयर धारकों को नहीं दी गई.
MCX ने कितनी राशि की खर्च?
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि तीन तिमाहियों यानी अक्टूबर 2022 से जून 2023 के दौरान MCX की तरफ से 63 मून्स टेक्नोलॉजीज को कुल 222 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. यह राशि वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी के कुल लाभ से करीब दोगुनी थी, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने इसका समय रहते खुलासा नहीं किया.