चांदी का बबल फूटा! MCX पर 3 दिन में ₹22000 टूटी कीमत, सिल्वर ETF भी 11% फिसला, क्या मल्टीबैगर रैली खत्म?

2025 में रिकॉर्ड तेजी के बाद चांदी की कीमतों में तेज करेक्शन देखने को मिला है. MCX पर पिछले तीन दिनों में चांदी करीब ₹22,000 प्रति किलो टूट गई, जबकि सिल्वर ETF में भी 11% तक गिरावट आई. एक्सपर्ट्स इसे मुनाफावसूली मानते हैं, हालांकि 2026 के लिए लॉन्ग टर्म आउटलुक अब भी सकारात्मक बताया जा रहा है.

चांदी की कीमत Image Credit: canva

साल 2025 में रिकॉर्ड तेजी दिखाने के बाद चांदी की कीमतों में अब तेज करेक्शन देखने को मिला है. घरेलू कमोडिटी एक्सचेंज Multi Commodity Exchange of India (MCX) पर चांदी की कीमतें पिछले तीन दिनों में करीब ₹22,000 प्रति किलोग्राम टूट गई हैं. इस गिरावट के साथ ही निवेशकों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या चांदी की मल्टीबैगर रैली अब थम चुकी है.

MCX पर ₹2,32,228 प्रति किलो पर चांदी

MCX पर सोमवार को जहां चांदी का भाव ₹2,54,174 प्रति किलोग्राम के आसपास था, वहीं बुधवार को यह फिसलकर करीब ₹2,32,228 तक आ गया. एमसीएक्स सिल्वर मार्च फ्यूचर्स में अकेले एक सत्र में लगभग 7 की तेज गिरावट दर्ज की गई. जिससे चांदी की कीमत ₹2,32,228 प्रति किलो पर आ गई. यानी चांदी बुधवार को 18,112 रुपये तक सस्‍ती हो गई.

सिल्वर ETF में भी बड़ी गिरावट

इस बिकवाली का असर सिल्वर से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पर भी पड़ा है. देश के सबसे बड़े सिल्वर ETF Nippon India Silver ETF में भी सोमवार के उच्च स्तर से करीब 11% की गिरावट देखने को मिली है.

बुधवार को कितने % टूटे प्रमुख सिल्वर ETF

NameChange %
Nippon Silver ETF (SILVER)-0.60%
ICICI Pru Silver ETF-0.80%
HDFC Silver ETF-0.70%
SBI Silver ETF-1.2%
Aditya Birla Silver ETF-2.3%
Kotak Silver ETF-0.90%
PSP Silver ETF-1.3%
Mirae Silver ETF-1%
UTI Silver ETF-0.70%

सोर्स: Dhan (31 दिसंबर दोपहर 1:54 बजे)

भारतीय बुलियन में चांदी का हाल

भारतीय बुलियन मार्केट में बुधवार को एक किलोग्राम चांदी की कीमत 2,38,470 रुपये रिकॉर्ड की है. वहीं, 10 ग्राम सोने की कीमत 135,960 रुपये रही.

क्यों टूट रही है चांदी

इस तेज गिरावट की एक बड़ी वजह हालिया जोरदार तेजी के बाद मुनाफावसूली मानी जा रही है. इसके अलावा, अमेरिका की मध्यस्थता से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति समझौते के जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीदों ने भी सिल्वर पर असर डाला है. जियो-पॉलिटिकल तनाव कम होने की संभावनाओं के बीच सेफ-हेवन एसेट मानी जाने वाली चांदी पर दबाव देखने को मिला है.

एक्सपर्ट का बयान

All India Gem & Jewellery Domestic Council (GJC) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा है कि चांदी अब परंपरागत सीमाओं से आगे निकल चुकी है और रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर एप्लिकेशन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के जरिए भविष्य को शक्ति देने वाली एक अहम धातु के रूप में उभर रही है. साथ ही, यह अपनी सांस्कृतिक और आभूषणों से जुड़ी अहमियत भी बनाए हुए है. इस साल ने यह मजबूती से साबित किया है कि सोना और चांदी सिर्फ स्क्रीन पर ट्रेड होने वाली कमोडिटी नहीं हैं, बल्कि आर्थिक स्थिरता, सांस्कृतिक विरासत और भारत की तकनीकी व सतत विकास यात्रा के मजबूत स्तंभ हैं.उन्होंने कहा कि हालांकि उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है, लेकिन 2026 के लिए ओवरऑल आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है.

चांदी पर कियोसाकी की राय

मशहूर निवेशक और रिच डैड पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने चांदी में निवेश को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. उनका कहना है कि हालिया तेजी FOMO से प्रेरित हो सकती है और बड़ी तेजी से पहले बड़ा करेक्शन आ सकता है. हालांकि, लॉन्ग टर्म में वे 2026 तक चांदी के $100–$200 प्रति औंस (₹3.17 रुपये प्रति किलोग्राम से ₹6.34 लाख प्रति किलोग्राम) पहुंचने की संभावना देखते हैं.

इसे भी पढ़ें: 2026 में ₹6.34 लाख तक जा सकती है चांदी, रॉबर्ट कियोसाकी का अनुमान, नए निवेशकों को दी ये बड़ी सलाह