सिर्फ एक दिन में चांदी में 6000 रुपये का उछाल, सोने की चमक स्थिर; जानें क्या है नई कीमत

वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने सुरक्षित संपत्ति की ओर रुख किया. बाजार में तेजी का माहौल बना हुआ है, जबकि कुछ धातुओं ने नए रिकॉर्ड दर्ज किए हैं. जानिए कौन सी धातु ने निवेशकों को सबसे ज्यादा आकर्षित किया और क्यों.

चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड Image Credit: Canva

Gold and Silver Price Today: देश की राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमतों ने गुरुवार को नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज किया. निवेशक और व्यापारी वैश्विक बाजार में बढ़ती अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच सुरक्षित निवेश के तौर पर चांदी खरीदने लगे. इसका असर घरेलू बाजार में भी दिखा, और चांदी की कीमत 6000 रुपये की बड़ी छलांग लगाकर 1,63,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई.

पिछले हफ्ते का उछाल भी यादगार

यह उछाल चांदी के लिए एक सप्ताह में दूसरी बड़ी तेजी है. 6 अक्टूबर को चांदी ने 7,400 रुपये बढ़त दर्ज करते हुए 1,57,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक, बुधवार को चांदी की कीमत 1,57,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों का सुरक्षित विकल्प चुनना इस तेजी का मुख्य कारण है.

सोना स्थिर, चांदी का प्रदर्शन बेहतर

स्थानीय बाजार में शुद्धता के हिसाब से सोना 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत पर क्रमशः 1,26,600 और 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा. बुधवार को सोने की कीमत यही थी यानी गुरुवार 10 अक्टूबर को सोने के दाम मे कोई बदलाव नहीं आया है. वैश्विक स्तर पर सोना थोड़ा कमजोर हुआ और 4,039.26 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 1 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 49.67 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर पर पहुंच गई.

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बेस मेटल्स का भी मजबूती से उछाल

चांदी के साथ अन्य बेस मेटल्स भी तेजी के रुख पर रहे. एमसीएक्स पर तांबा ₹1,014.80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया, जबकि जिंक लगभग 297.70 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था. विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक आपूर्ति में कमी और इलेक्ट्रिक वाहन तथा क्लीन एनर्जी सेक्टर में मजबूत मांग के कारण तांबे, जिंक और एल्यूमिनियम में 6-9 प्रतिशत तक तेजी देखने को मिल सकती है.

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी रहती हैं और फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो चांदी और बेस मेटल्स में और तेजी आने की संभावना है. निवेशक फिलहाल सुरक्षित संपत्ति की तरफ रुख कर रहे हैं.

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