सहारा कर्मचारियों को बड़ी राहत की उम्मीद! SC, 17 नवंबर को सुनेगी बकाया वेतन और 88 संपत्तियों की बिक्री का मामला
सहारा समूह के बकाया वेतन और 88 संपत्तियों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को महत्वपूर्ण सुनवाई करेगा. कर्मचारियों ने कई महीनों से वेतन न मिलने की शिकायत की है, जबकि SICCL ने अडानी समूह को संपत्ति बेचने की अनुमति मांगी है. अदालत 17 नवंबर को सभी याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई करेगी.
सहारा समूह के कर्मचारियों के बकाया वेतन और कंपनी की संपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री से जुड़ा मामला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. कर्मचारियों ने महीनों से वेतन न मिलने की शिकायत की है और उनकी अंतरिम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. यह वही मामला है जिसमें सहारा की 88 प्रमुख संपत्तियों को अडानी प्रॉपर्टीज को बेचने की अनुमति मांगने वाली याचिका पहले से लंबित है. अदालत अब दोनों मुद्दों पर एक साथ विचार करेगी.
सहारा कर्मचारियों ने वेतन के लिए लगाई गुहार
पिछले कई महीनों से वेतन न मिलने के कारण सहारा समूह के कर्मचारी आर्थिक परेशानी में हैं. शुक्रवार को कर्मचारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया था कि उनकी याचिकाओं को जल्द लिस्ट किया जाए. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार यानी 17 नवंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. अदालत पहले ही सहारा समूह को निर्देश दे चुकी है कि वह उन कर्मचारियों के दावों की जांच करे जिन्हें कई सालों से वेतन नहीं मिला है.
88 संपत्तियों की बिक्री पर 17 नवंबर को सुनवाई
इससे पहले अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र सरकार, SEBI और अन्य हितधारकों से उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें Sahara India Commercial Corporation Ltd (SICCL) ने अपनी 88 प्रमुख संपत्तियों को Adani Properties Private Limited को बेचने की अनुमति मांगी है. यह याचिका पहले से 17 नवंबर को सुनवाई के लिए तय है. अदालत ने एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफाडे को संपत्तियों की विस्तृत जानकारी एकत्र करने को कहा है-
- कौन सी संपत्ति विवादित है?
- कौन सी साफ-सुथरी है?
- हितधारकों की आपत्तियां क्या हैं?
CJI ने साफ कहा कि अदालत तय करेगी कि संपत्तियों को एक साथ बेचा जाए या टुकड़ों में.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की प्रस्तुति को देखते हुए अदालत ने वित्त मंत्रालय और सहयोग मंत्रालय को भी कार्यवाही में पक्षकार बनाया है. SC ने केंद्र, SEBI और एमिकस से सहारा की याचिका पर विस्तृत जवाब 17 नवंबर तक मांगा है.
रिफंड केस से जुड़ा लंबा विवाद
सहारा समूह से जुड़ा यह मामला कई वर्षों से अदालत में लंबित है. यह वही केस है जिसमें निवेशकों को रिफंड और सहारा की संपत्तियों की नीलामी से संबंधित बड़े फैसले शामिल हैं. अब 17 नवंबर की सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसी दिन अदालत सभी याचिकाओं संपत्ति बिक्री, कर्मचारियों के वेतन और हस्तक्षेप आवेदनों पर एक साथ विचार करेगी.
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